सार
सबरीमला जा रही तृप्ति देसाई के नेतृत्व में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के एक दल को पुलिस सुरक्षा दिए जाने से मंगलवार को इनकार कर दिया गया केरल सरकार ने देसाई की सबरीमला जाने की कोशिश को ''षड्यंत्र'' करार दिया
कोच्चि: श्रद्धालुओं, दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों और भाजपा के विरोध प्रदर्शनों के बीच भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा करने के लिए सबरीमला जा रही तृप्ति देसाई के नेतृत्व में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के एक दल को पुलिस सुरक्षा दिए जाने से मंगलवार को इनकार कर दिया गया। केरल सरकार ने देसाई की सबरीमला जाने की कोशिश को ''षड्यंत्र'' करार दिया।
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का दल यहां हवाईअड्डा पहुंचते ही सबरीमला जाने के लिए सुरक्षा की मांग को लेकर शहर पुलिस आयुक्तालय पहुंचा, लेकिन पुलिस ने उन्हें सुरक्षा देने से इनकार कर दिया और इसके लिए सबरीमला में सभी आयु वर्गों की महिलाओं को मंदिर में जाने की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के न्यायालय के हालिया फैसले का हवाला दिया। अयप्पा श्रद्धालु, भाजपा और सबरीमला कर्म समिति के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता देसाई और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का विरोध करने के लिए आयुक्तालय के बाहर एकत्र हुए।
बिंदू अम्मिनी पर हमला
पुलिस सूत्रों ने बताया कि भगवान अयप्पा मंदिर के दर्शन करने जा रही महिला अधिकार कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी पर हिंदू संगठन के एक सदस्य ने कथित रूप से हमला कर दिया। सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर जाने की न्यायालय द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद मंदिर के दर्शन कर इतिहास रचने वाली अम्मिनी महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई की अगुवाई में मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे महिला कार्यकर्ताओं के समूह में शामिल थीं। अम्मिनी पर पुलिस आयुक्तालय के बाहर हिंदू संगठन के एक सदस्य ने मिर्ची स्प्रे से हमला किया।
पुलिस ने बताया कि हमलावर की पहचान श्रीनाथ पद्मनाभन के तौर पर हुई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। टीवी चैनलों पर वीडियो में अम्मिनी पर हमला होता दिखाया गया। अम्मिनी के वकील ने बताया कि उन्हें यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया और उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। पुलिस अधिकारियों से यह आश्वासन मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया कि महिला कार्यकर्ताओं को मंदिर जाने के लिए सुरक्षा नहीं दी जाएगी।
माकपा नेता एलडीएफ सरकार ने हमले की निंदा की
उल्लेखनीय है कि महिला अधिकार कार्यकर्ताओं अम्मिनी और कनकदुर्गा ने मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के न्यायालय के फैसले के बाद पुलिस सुरक्षा के साथ अयप्पा मंदिर के दर्शन किए थे। माकपा नेता एलडीएफ सरकार ने इस मामले पर सावधानी से प्रतिक्रिया देते हुए अम्मिनी पर हमले की निंदा की लेकिन यह स्पष्ट किया कि 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की किसी भी महिला को मंदिर जाने के लिए पुलिस सुरक्षा तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक उच्चतम न्यायालय इस संबंध में आदेश नहीं देता।
केरल देवस्वोम मंत्री के. सुरेंद्रन ने मंगलवार को महिला अधिकारों की कार्यकर्ता तृप्ति देसाई के सबरीमला आने के निर्णय के पीछे कोई साजिश होने का आरोप लगाया। सुरेंद्रन ने पत्रकारों से कहा, ''सरकार को तृप्ति देसाई के सबरीमला आने के निर्णय के पीछे किसी साजिश की आशंका है वह पुणे से आई हैं और संघ तथा भाजपा में उनकी अच्छी पकड़ है।'' मंत्री ने आरोप लगाया कि यह कदम सबरीमला में शांतिपूर्ण तीर्थयात्रा में बाधा उत्पन्न करने के लिए उठाया गया है।
योजना के बारे में सूचित नहीं किया गया
त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड अध्यक्ष एन वसु ने कहा कि बोर्ड को मंदिर आने की उनकी योजना के बारे में सूचित नहीं किया गया था। अम्मिनी ने कहा कि न्यायालय ने सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने के अपने आदेश पर रोक नहीं लगाई है। ऐसे में वे पुलिस सुरक्षा नहीं देने को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ शीर्ष अदालत में अवमानना याचिका दायर करेंगी।
न्यायालय में सबरीमला मामले में दलीलें पेश करने वाले कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देसाई जैसे लोग सक्रियतावाद के नाम पर केवल अति कर सकते हैं जबकि सबरीमला मंदिर पर अंतिम निर्णय अब भी न्यायालय में लंबित है। उन्होंने ट्वीट किया, ''मंदिर से जुड़े लोगों की भावनाओं का कम से कम अंतिम फैसले में अधिकार दिए जाने तक सम्मान किया जाना चाहिए।''
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीतला ने आरोप लगाया कि इसके पीछे माकपा और भाजपा का ''षड्यंत्र'' है ताकि सबरीमला मंदिर की जारी तीर्थयात्रा को ''नुकसान'' पहुंचाया जा सके।