सार

हरसिमरत ने अमरिन्दर से स्वर्ण मंदिर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के लिए सामुदायिक रसोई के लिए खरीदी गई चीजों के लिए एकत्रित गुडस् और सर्विस टैक्स (जीएसटी) की शेष राशि को वापस करने के लिए कहा था, जिसपर अमरिन्दर ने कुछ दिन पहले तो हरसिमरत को "आदतन झूठा" करार दिया।

चंडीगढ़ (Chandigarh). पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह और केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के बीच 'लंगर' पर जीएसटी वापसी के मुद्दे को लेकर ट्विटर पर तीखी बयान बाजी का दौर थमता नहीं दिख रहा।

किस बात को लेकर हो रही है बहस?

हरसिमरत ने अमरिन्दर से स्वर्ण मंदिर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के लिए सामुदायिक रसोई के लिए खरीदी गई चीजों के लिए एकत्रित गुडस् और सर्विस टैक्स (जीएसटी) की शेष राशि को वापस करने के लिए कहा था, जिसपर अमरिन्दर ने कुछ दिन पहले तो हरसिमरत को "आदतन झूठा" करार दिया और फिर बुधवार को कहा कि जितना मैंने सोचा था आप उससे भी ज्यादा मूर्ख निकलीं।

अमरिन्दर सिंह ने हरमिसरत को कहा मुर्ख

अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को ट्वीट किया, "हरमिसरत जितना मैंने सोचा था, आप उससे भी ज्यादा मूर्ख निकलीं। मैं स्पष्ट रूप से कह चुका हूं कि दावा की गई राशि का भुगतान हमने कर दिया है। आप लोग किस तरह की सरकार चलाते थे? आप यह भी नहीं जानतीं कि दावों के बदले धनराशि का भुगतान होता है और इस प्रक्रिया में समय लगता है।"

 

हरसिमरत के ने कहा "तथ्यों पर बात कर रही हूं बात"

हरसिमरत कौर ने फिर ट्वीट कर कहा "मैं तथ्यों पर बात कर रही हूं एसजीपीसी ने जनवरी-19 में जुलाई-दिसंबर 2018 जीएसटी रिफंड के लिए दावा दायर किया था। अगले 6 महीने का दावा मई और अगस्त-19 में दे दिया गया। अगस्त-17 को अगस्त-18 के लिए दावा किया गया। सभी दावें जब आपके साथ हैं तो आपने 25/9/19 को पहला रिफंड क्यों दिया? हालांकि 1.68 करोड़ रुपये देना अभी भी बाकि है। कृपया अपनी जानकारी बढ़ाएं।"

 

हरसिमरत कौर ने एक और ट्वीट कर कहा "पूरे सम्मान के साथ अमरिंदर सिंह, तथ्य लोगों के सामने हैं और एक दूसरे के खिलाफ दोनों तरफ से बुरी बात कहने से ये झुठला नहीं है। मैं अपनी तरफ से मामले को समाप्त करती हूं कि गुरु के निवास के लिए कुछ धनराशि जारी करने के लिए अपना काम किया।"

 

मरिंदर सिंह ने कहा "आपकी टिप्पणी हास्यास्पद"

इसके बाद अमरिंदर सिंह ने अपने ही ट्वीट को रिट्वीट कर कहा "लंगर जीएसटी पर आपकी टिप्पणी हास्यास्पद है, मैं इसे दोहराता हूं - हमने केंद्र द्वारा अधिसूचना प्राप्त करने वाले दावे के सारे पैसे वापस कर दिए हैं, जो इसके विपरीत, केवल 57 लाख रुपये जारी किए गए हैं। आप उनसे इसके बारे में क्यों नहीं पूछतीं? आखिर आप इसका हिस्सा हैं! ट्वीट का हवाला दें"

 

हरसिमरत ने कहा "आप झुठ न बोलें"

हरसिमरत ने अपने ट्वीट के साथ एक पत्र पोस्ट कर कहा "बेशक झूठ आसानी से आप तक पहुंच जाते हैं लेकिन लोगों को भटकाने वाली बात करने से पहले कृपया अपना होमवर्क कर लें। भारत सरकार के हिस्से को देखें, साथ में जुड़े स्वयं व्याख्यात्मक पत्र को पढ़ें। अब, आप अपनी बकाया 1.68 करोड़ की राशि भेजें, बजाय और झूठ बोलने के!"

 

सरकार ने मंगलवार को एसजीपीसी को 1.96 करोड़ रुपये जारी किए थे, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने दावा किया था कि स्वर्ण मंदिर में सामुदायिक रसोई के लिए खरीदी गई वस्तुओं के बदले 1.68 करोड़ रुपये दिए जाने अभी बाकी हैं।

 

[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]