सार
यह मामला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की विभिन्न मांगों से जुड़ा है। महिलाओं को जब बस में ठूंसते हुए चढ़ाया गया, तो वे हंगामा करने लगीं।
पटियाला, पंजाब. यह तस्वीर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की है। ये शुक्रवार को अपनी 11 मांगों को लेकर प्रदर्शन करने सड़क पर उतरी थीं। लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि कुछ देर बाद सबको छोड़ दिया गया। पुलिस के अनुसार कोई कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसलिए उन्हें प्रदर्शन से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पंजाब सरकार अपने वादा से मुकर गई है। सुविधाएं बढ़ाने के बजाय मान भत्ते भी कम कर दिए गए हैं।
थाने में लेकर छोड़ा
पुलिस सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके थाने ले गई। वहां उन्हें छोड़ दिया गया। यूनियन की राष्ट्रीय प्रधान उषा रानी ने कहा कि सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों की ओर ध्यान देने के बजाय प्ले-वे स्कूलों को तवज्जो दे रही है। 3-6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों से निकालकर इन स्कूलों में भेज रही है। इलेक्शन से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भरोसा दिलाया था कि वे यूनियन की सभी मांगें पूरी कर देंगे, लेकिन अब ऐसा नहीं कर रहे।
यूनियन की मांगें: मानभत्ता बहाल किया जाए, आंगनबाड़ी केन्द्रों का किराया वर्करों के खाते में डाला जाए, वर्कर को 24 हजार व हेल्परों को 18 हजार वेतन दिया जाए, 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्रों में कराया जाए, वरिष्ठता सूची बना सुपरवाइजरों की तुरंत भर्ती की जाए आदि।