सार

अकाली दल के सीनियर लीडर बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की जमानत याचिका हाईकोर्ट में शनिवार को दायर नहीं हो सकी। कोर्ट की छुट्टी थी। अब मजीठिया का रविवार भी जेल में कटेगा।

चंडीगढ़। अकाली दल के सीनियर लीडर बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की जमानत याचिका हाईकोर्ट में शनिवार को दायर नहीं हो सकी। कोर्ट की छुट्टी थी। अब मजीठिया का रविवार भी जेल में कटेगा। दूसरी ओर पता चला है कि जेल में उनका वक्त अध्यात्म में व्यतीत हो रहा है। उनका ज्यादातर वक्त मेडिटेशन में बीत रहा है। उन्होंने जेल के स्टाफ को बोल रखा है कि उन्हें बेवजह तंग नहीं किया जाए। जब भी उन्हें जरूरत होगी, बोल देंगे। 

जेल के सूत्रों के अनुसार मजीठिया ने किसी से भी मिलने से इंकार किया है। हालांकि यह बताया जा रहा है कि वह किसी तरह के तनाव में नहीं हैं। दरअसल, दिसंबर में बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले को लेकर बिक्रमजीत सिंह मजीठिया पुलिस से बचने के लिए फरार हो गए थे। बाद में उन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई थी, लेकिन उनकी नियमित जमानत की अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। 

इसके बाद मजीठिया सुप्रीम कोर्ट गए। वहां से उन्हें इस शर्त पर जमानत मिली थी कि उन्हें निचली अदालत में जमानत के लिए जाना होगा। अब जब मजीठिया मोहाली कोर्ट पहुंचे तो यहां उन्हें जमानत नहीं मिली। इस वजह से उन्हें जेल में रहना पड़ रहा है। बता दें कि बिक्रमजीत सिंह मजीठिया अकाली दल के प्रभावशाली नेता हैं। उन्होंने 2007 में राजनीति में कदम रखा था। 31 साल की उम्र में वह अकाली दल सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे। 

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मजीठिया ने चुनाव में सिद्धू को दी है चुनौती
इस बार वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर चुनाव लड़ते हुए उन्होंने सिद्धू को कड़ी चुनौती दी है। दोनों नेताओं की वजह से इस बार इस सीट की चर्चा न सिर्फ पंजाब बल्कि नेशनल लेवल पर हो रही थी। हर किसी की नजर इस सीट पर टिकी हुई थी। चुनाव प्रचार के दौरान भी मजीठिया और सिद्धू की ओर से एक दूसरे पर खूब आरोप लगाए गए थे। बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के वकील ने बताया कि उन्हें फंसाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून पर उन्हें पूरा भरोसा है।

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