सार
आम आदमी पार्टी पहले भी कई बार आरोप लगा चुकी है कि कृषि कानूनों को लाने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार, कैप्टन अमरिंदर सिंह और आकाली दल तीनों ही जिम्मेदार हैं। कैप्टन इस मुद्दे को सुलझाना नहीं चाहते हैं और अकाली इस बिल को बनाने की प्रक्रिया में शुरू से शामिल रहे। (फाइल फोटो)
मोगा .पंजाब में अगले साल यानि 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी तैयारियों में सभी पार्टियां जुट गई हैं। वहीं आम आदमी पार्टी भी यहां के किसानों को साधने में जुट गई है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए आप के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को पंजाब में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे।
कृषि मंडी में केजरीवाल की किसान महापंचायत
दरअसल, आप ने शनिवार को बयान जारी कर कहा है कि सीएम केजरीवाल रविवार को तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ मोगा की अनाज मंडी में दोपहर 2 बजे किसान महापंचायत करेंगे। जिसमें वह भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन काले कृषि कानूनों आड़े हाथों लेते हुए केंद्र सराकर पर निशाना साधेंगे। हालांकि इन सबके जरिए केजरीवाल विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
'भाजपा-कांग्रेस और अकाली तीनों मिले हुए हैं'
आम आदमी पार्टी पहले भी कई बार आरोप लगा चुकी है कि कृषि कानूनों को लाने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार, कैप्टन अमरिंदर सिंह और आकाली दल तीनों ही जिम्मेदार हैं। कैप्टन इस मुद्दे को सुलझाना नहीं चाहते हैं और अकाली इस बिल को बनाने की प्रक्रिया में शुरू से शामिल रहे। यह इन लोगों की यह राजनीति है। जिसके चलते किसानों को अपना हक नहीं मिल पा रहा है।
यूपी, पंजाब के बाद हरियाणा में केजरीवाल की महापंचायत
इससे पहले केजरीवाल किसानों के समर्थन में उत्तर प्रदेश के मेरठ में महापंचायत को संबोधित कर चुके हैं। 4 अप्रैल को हरियाणा के जींद स्थित हुडा मैदान में उनकी हरियाणा के किसानों के लिए महापंचायत होगी। अब पंजाब में महापंचायत को संबोधित कर रहे हैं। दरअसल, केजरीवाल इन महापंचायत के जरिए किसानों को बताने की कोशिश कर रही है कि सिर्फ आप ही आपके हक लिए साथ खड़ी है। ताकि वह इन राज्यों में अपनी पैठ बना सके।
संसद से सड़क तक किसानों के साथ 'आप'
'आप' ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन काले कृषि कानूनों को लेकर पूरे देश में लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। किसान कई महीने से टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर अपनीं मांगों को लेकर बैठे हुए हैं। 2 डिग्री की सर्द रातों में भी वह अपने हक के लिए सड़कों पर बैठे रहे। कई किसान अपनी कुर्बानी तक दे चुके हैं, लेकिन मोदी सरकार इनकी एक नहीं सुन रही है। केंद्र सरकार किसान विरोधी तीनों कानूनों को किसानों से बिना सलाह किए संसद में लाई और असवैंधानिक तरीके से पास भी करा लिया। जब अन्नदाता इनका विरोध करता है तो केंद्र सरकार पुलिस से इनपर लाठियां बरसाती है। लेकिन हमारी आम आदमी पार्टी लगातार संसद से सड़क तक किसानों की आवाज उठाती आ रही है।