सार

 कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है। ऐसे में गरीबों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। पढ़िए ऐसी ही दो मार्मिक कहानियां..

मोहाली, पंजाब. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है। ऐसे में गरीबों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। सबकुछ बंद होने से दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। जो काम करने में अक्षम हैं, उन्हें मदद नहीं मिल पा रही है। ऐसे लोगों की मदद के लिए प्रशासन और स्वयंसेवी संगठन आगे आए हैं। लेकिन जरूरत इससे भी ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचाने की है। यह मामला भी इसी से जुड़ा है। यहां एक महिला को जब खाने को नहीं मिला, तो वो मरने निकल पड़ी।


बेटे की भूख सहन नहीं हो रही थी...
शनिवार को मौलीजागरां की एक महिला ने पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल करके कहा कि लॉक डाउन के बाद उसके लिए रोटी की जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है। उसकी आर्थिक हालत ऐसी नहीं कि वो कुछ खरीद सके। इसलिए वो मरने जा रही है। यह सुनकर एसएचओ और डीएसपी ईस्ट दिलशेर सिंह चंदेल मौके पर पहुंच गए। देखा कि महिला अपने मासूम बेटे के साथ सड़क पर भटक रही है। पुलिस अफसर ने उसे समझाया और खाने-पीने की चीजें दीं। तब महिला के आंसू रुके।


मैं भूखी हूं..
मोहाली के खरड़ स्थित वार्ड-16 में रहने वाली इस मासूम ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। बच्ची ने बताया कि उसने 4 दिनों से खाना नहीं खाया है। अगर आगे भी ऐसी ही स्थिति रही, तो वो भूख से मर जाएगी। इसके बाद प्रशासन ने उसके लिए खाने का प्रबंध किया।