सार

डॉ.राजवंत सिंह (यूएसए), इकोसिख संस्थापक और ग्लोबल प्रेसिडेंट ने कहा कि पवित्र वन परियोजना गुरु नानक की 550वीं जयंती मनाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए शुरू की गई थी। 400 जीवंत और संपन्न वनों के रोपण की समुदाय आधारित कार्रवाई की रिपोर्ट करना बहुत रोमांचक है। 

चंडीगढ़। इकोसिख संगठन ने पंजाब समेत देश के अन्य हिस्सों में 400 से ज्यादा गुरु नानक पवित्र वन स्थापित किए हैं। इन वनों में लगाए गए सभी प्रकार के वृक्षों की एक रिपोर्ट जारी की गई। वॉशिंगटन स्थित पर्यावरण संगठन इकोसिख और उसके इंडिया चैप्टर, इकोसिख चैरिटेबल सोसाइटी ने 3 साल में किए गए काम और उपलब्धि की घोषणा की है।

डॉ.राजवंत सिंह (यूएसए), इकोसिख संस्थापक और ग्लोबल प्रेसिडेंट ने कहा कि पवित्र वन परियोजना गुरु नानक की 550वीं जयंती मनाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए शुरू की गई थी। 400 जीवंत और संपन्न वनों के रोपण की समुदाय आधारित कार्रवाई की रिपोर्ट करना बहुत रोमांचक है। उन्होंने आगे कहा कि आज हमारे जंगल बंजर भूमि को हरा-भरा कर रहे हैं और देशी पक्षियों और पॉलिनेटर्स (परागणकों) की कई किस्मों को आवास प्रदान कर रहे हैं।

वन निर्माण में जागरूक करने के लिए वीडियो जारी किया
दुनिया के सबसे प्रसिद्ध वन निर्माता और एफोरेस्ट डायरेक्टर, शुभेंदु शर्मा और इकोसिख टीम ने आम लोगों को वन निर्माण में शिक्षित करने के लिए पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी में एक ओपन-सोर्स फॉरेस्ट-मेकिंग वीडियो ट्यूटोरियल लॉन्च किया, जो यू-टयूब पर फ्री उपलब्ध है। ये ट्यूटोरियल भारत में पूरे पंजाबी समुदाय और वैश्विक डायस्पोरा के लिए इन अत्यधिक आकर्षक पाठयक्रमों का पालन करके अपना पवित्र वन बनाने में सहायक होंगे।

माइक्रो वन क्षेत्रों में सैकड़ों पेड़ उगाए
इकोसिख इंडिया की प्रेसिडेंट सुप्रीत कौर ने कहा कि "पंजाब समेत भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी यात्रा शुरू करने और जारी रखने के लिए फोरेस्ट इंस्टीट्यूट ने इकोसिख टीम को शिक्षित और प्रशिक्षित करने में एक बड़ी भूमिका निभाई है।’ साल 2019 के बाद से इकोसिख ने पंजाब के विभिन्न जिलों में आत्मनिर्भर माइक्रो वन क्षेत्रों में सैकड़ों हजारों देशी पेड़ों को उगाकर पंजाब में मियावाकी पद्धति के रोमांचक परिणामों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।

किफायती बनाने की कोशिश में इकोसिख संगठन
सुप्रीत कौर ने कहा कि ‘एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में इकोसिख वन निर्माण को सभी के लिए किफायती बनाने की कोशिश कर रहा है। हमने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत इंडस्ट्रियल फॉरेस्ट्स का एक नया वर्ग शुरू किया है, जिसमें बड़े उत्पादन और कॉर्पोरेट ग्रुप सस्ती कीमत और न्यूनतम भूमि निवेश के साथ अपने कार्बन फुटप्रिंट को बेहद कम कर सकते हैं।’

जंगलों में सभी पेड़ देशी प्रजातियों के हैं
सेक्रेड फॉरेस्ट्स के हैड ऑफ ऑपरेशंस पवनीत सिंह ने कहा कि इन जंगलों में लगाए गए सभी पेड़ देशी प्रजातियों के हैं और उनमें से कई तो बीते कई सालों में गायब ही हो गए थे और उनको कम ही देखा जा रहा था। पवित्र वन परियोजना ने पंजाब की 60+ देशी और दुर्लभ पौधों की प्रजातियों को संरक्षित किया है और पूरे पंजाब और अन्य राज्यों में अधिक वन बनाने की मांग बढ़ रही है।

2030 तक 10 मिलियन पेड लगाने का टारगेट
सैक्रेड फॉरेस्ट्स प्रोजेक्ट के कन्वीनर चरण सिंह ने बड़ी घोषणा की और कहा कि हमारी टीम 2030 तक 10 मिलियन पेड़ लगाएगी और उनका रखरखाव करेगी। जलवायु परिवर्तन से लड़ने की रणनीति केवल उत्सर्जन में कमी पर केंद्रित नहीं होनी चाहिए। हमें वातावरण से कार्बन को हटाने की जरूरत है। पवित्र वन कार्बन को सोखते हैं और उन क्षेत्रों में तापमान को 1.5 डिग्री तक कम करने में हमारी व्यापक मदद करेंगे।’

यह भी जानें...

  • इकोसिख के प्लांट नर्सरी सज्जन प्रिसिजन कास्टिंग्स साहनेवाल में स्थित है और एनजीओ के पास प्रशिक्षित और प्रमाणित मियावाकी वन निर्माताओं की एक पूरी बटालियन है। 
  • इकोसिख ने एंजल्स वैली स्कूल, राजपुरा में 11,000 और साइंस कॉलेज जगराओं में एक एकड़ जमीन में 10,000 पेड़ लगाकर पंजाब भर में अपनी सबसे बड़ी वन परियोजनाओं को साकार किया है।
  • पंजाब के प्रमुख उद्योगपतियों, सज्जन प्रिसिशन कास्टिंग्स लुधियाना के गुरविंदर पाल सिंह, टी के स्टील्स लुधियाना के लोकेश जैन, एंजल्स वैली स्कूल राजपुरा के संदीप मेहता और इनोवेटिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट चंडीगढ़ के इकबाल सिंह ने उद्योगपतियों के नेटवर्क के बारे में अपनी योजनाओं को साझा किया। इन योजनाओं के तहत पंजाब और चंडीगढ़ आने वाले साल में 10 लाख पौधे लगाए जाएंगे।
  • इकोसिख की स्थापना 2009 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से की गई थी। हाल ही में ईकोसिख ने पोप द्वारा बुलाए गए वेटिकन इंटरफेथ और ग्लासगो सीओपी26 में प्रतिनिधित्व किया। 
  • इसे व्हाइट हाउस, संयुक्त राष्ट्र द्वारा आमंत्रित किया जा चुका है और इकोसिख वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के साथ भी काम कर रहा है।