सार
डॉक्टरों की लापरवाही के किस्से आए दिन मीडिया में आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला पंजाब में सामने आया है। जहां एक पांच साल का बच्चा जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। आलम यह है कि मासूम की किडनी-लीवर खराब हो चुके हैं। वहीं उसको 2 बार हार्टअटैक आ चुका है और अब वह कोमा में है।
पटियाला. डॉक्टरों की लापरवाही के किस्से आए दिन मीडिया में आते रहते हैं। उनकी इस गलती की बदौलत कई लोगों मौत तक हो जाती है। ऐसा ही एक मामला पंजाब में सामने आया है। जहां डॉक्टर ने 5 साल के बच्चे को प्रतिबंधित दवा दे दी। जिसके चलते वो जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
जरा सी लापरवाही बनी बड़ी परेशानी
दरअसल, यह घटना पटियाला में 6 फरवरी को सामने आया था। जब 5 साल का सर्बजीत को हल्की-फुल्की खांसी और जुकाम था। जिसके चलते उसके पिता अवतार सिंह बच्चे को पास के ही एक प्राइवेट डॉक्टर गर्जा सिंह के क्लीनिक ले गए। जहां डॉक्टर ने मासूम को सिरप और कुछ गोलियां दी थीं। लेकिन उन दबाइयों को खिलाते ही बच्चे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ती चली गई। जिसके चलते परिजनों ने अपने बेटे को चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल लेकर गए।
जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है मासूम
जब सर्बजीत को उसके माता-पिता पीजीआई लेकर पहुंचे तो उसको इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया। जहां इलाज के दौरान बच्चे को 2 बार हार्टअटैक आया और हालत ज्यादा खराब हो गई। अब आलम यह है कि मासूम पिछले 15 दिन से कोमा में है। बच्चे के लिवर और किडनी में इन्फेक्शन हो गया है और टायफाइड होने के साथ उसके सैल भी कम हो गए हैं।
इस वजह से कोमा में है मासूम बच्चा
अपने बच्चे की इस हालत का जिम्मेदार परिजनों ने उस डॉक्टर को ठहराया और पुलिस के पास जाकर शिकायत दी। पुलिस ने भी पीड़ित की आपबीती सुनकर आरोपी आरोपी डॉक्टर गर्जा सिंह व उसके बेटे कुलविंदर सिंह खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह सब प्रतिबंधित दवा के चलते हुआ है।
यह दवा बच्चों की जान भी ले सकती है
इस मामले पर चंडीगढ़ के सरकारी डॉक्टर संदीप का कहना है कि, बच्चों को पीसी नाम की दवा देना उनकी जान से खिलवाड़ करना है। यह दवा किसी भी हाल में नहीं देना चाहिए। क्योंकि इसमें डी एैथलीन ग्लाईको नामक जो सॉल्ट होता है। जो बच्चों के लिवर और किडनियों पर गहर असर करता है और पूरे शरीर में इन्फेक्शन फैल जाता है।