सार

ये तस्वीर किसी मेले-ठेले या मॉल की नहीं है। ये है सिंघु बार्डर, जहां किसान धरने पर बैठे हैं। यहां किसानों की थकान मिटाने फुट मसाजर रखे गए हैं। बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसान जगह-जगह धरने पर बैठे हैं। सरकार से बातचीत विफल रहने के बाद धरना स्थल पर सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं, ताकि आंदोलन लंबा चल सके।

चंडीगढ़. केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन कब खत्म होगा, इसे लेकर अभी कुछ तय नहीं है। ऐसे में आंदोलनकारियों को धरना-स्थल पर लग्जरी सुख-सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। ये तस्वीर किसी मेले-ठेले या मॉल की नहीं है। ये है सिंघु बार्डर, जहां किसान धरने पर बैठे हैं। यहां किसानों की थकान मिटाने फुट मसाजर रखे गए हैं। बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसान जगह-जगह धरने पर बैठे हैं। सरकार से बातचीत विफल रहने के बाद धरना स्थल पर सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं, ताकि आंदोलन लंबा चल सके। 

हर तरह की सुविधाएं..
सरकार से कई वार्ताएं विफल होने के बाद आंदोलन लंबा खिंचने की आशंका है। भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख बलबीर एस राजेवाल ने बताया कि किसानों का आंदोलन और तेज होगा। आंदोलनकारियों को खाने-पीने की दिक्कत न हो, इसलिए करीब 6 महीने का राशन मुहैया कराया गया है। धरना स्थल पर ही खाना बनाने का इंतजाम किया गया है। रोटी बनाने की मशीनें पहुंचाई गई हैं।

सिंघु बार्डर पर सिख परोपकारी संगठन ‘खालसा एड’ ने ये खास फुट मसाजर रखवाए हैं, ताकि किसानों अपने पैरों की मालिश करा सकें।