सार

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मिस्ट्री को लेकर महाराष्ट्र सरकार से सीधे-सीधे पंगा लेने वाली कंगना रनौत पहले भी विवादों में फंसती रही हैं। हालांकि उनके लिए एक अच्छी खबर है कि दो साल पहले किए गए उनके एक ट्वीट से पैदा हुए विवाद को विराम मिल गया है। यह ट्वीट बीफ को लेकर था। एक शख्स का मानना था कि वे बीफ को प्रमोट कर रही हैं। अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी है।

चंडीगढ़. सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस (Sushant Singh Suicide Case) में अपने तीखे बयानों के चलते महाराष्ट्र सरकार के लिए सिरदर्द बनीं कंगना रनौत लगातार मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई हैं। पिछले दिनों मुंबई से चंडीगढ़ पहुंचने पर अपनी सिक्योरिटी को लेकर उन्होंने सवाल उठाए थे। हालांकि इस बार उन्हें अपने दो साल पुराने एक विवादास्पद ट्वीट से छुटकारा मिल गया है। कंगना ने 24 मई, 2019 को एक ट्वीट किया था, जिस पर आपत्ति जताई गई थी कि वे बीफ को प्रमोट कर रही हैं। उनके लिए एक अच्छी खबर है कि इस विवाद को विराम मिल गया है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस संबंध में दाखिल याचिका खारिज कर दी है।

लुधियाना के शख्स ने लगाई थी याचिका
कंगना के खिलाफ लुधियाना के रहने वाले नवनीत गोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि वे पुलिस में शिकायत लेकर गए थे, लेकिन FIR दर्ज नहीं की गई। हाईकोर्ट ने ट्वीट को बारीकी से पढ़ने के बाद माना कि याचिका पर कोई कार्रवाई नहीं बनती। जस्टिस मनोज बजाज ने याचिका को misconceive(अर्थ का अनर्थ समझना) माना। 

दरअसल, कंगना ने बीफ को लेकर कहा था कि बीफ खाना कुछ भी गलत नहीं है। यह किसी धर्म से संबंधित नहीं है। हालांकि उनका आशय बीफ को प्रमोट करना नहीं, बल्कि शाकाहार के बारे में बताना था। कंगना ने लिखा था कि वे खुद भी 8 साल पहले शाकाहारी हो गई हैं। इसलिए हाईकोर्ट ने माना कि यह ट्वीट कहीं भी बीफ को प्रमोट करने की तरफ इशारा नहीं करता।