सार
पंजब मे 15 स्कूली बच्चों को वैन में लेकर जा रहे चालक जसपाल सिंह को दिल का दौरा पड़ गया। इसके बावजूद भी वह दर्द सहता रहा और बच्चों की चिंता करते हुए सूझबूझ दिखते उसने गाड़ी की स्पीड धीमी की और उसको सड़क किनारे लगा दिया। फिर इसके बाद वह बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई।
लुधियाना. पंजाब में एक वैन ड्राइवर की जाबाज़ी को हर कोई सलाम कर रहा है। वह खुद तो मर गया, लेकिन मरते-मरते 15 मासूम बच्चों की जिंदगी बचा गया। उसकी बहादुरी और सूझबूझ की वजह से कई घरों के चिराग सलामत हैं।
सूझबूझ और बहादुरी को सलाम
दरअसल, यह मामला लुधियाना शहर का है। बुधवार को अचानक 15 स्कूली बच्चों को वैन में लेकर जा रहे चालक को दिल का दौरा पड़ गया। इसके बावजूद भी वह दर्द सहता रहा और बच्चों की चिंता करते हुए सूझबूझ दिखाते हुए उसने गाड़ी की स्पीड धीमी की और उसको सड़क किनारे लगा दिया। अगर वह वैन को सही जगह नहीं लगाता तो बड़ा हादसा हो जाता।
मरते-मरते 15 बच्चों की बचा गया जिंदगी
बता दें कि रोज की तरह मृतक जसपाल सिंह वैन में बच्चों को रयान इंटरनेशनल स्कूल लेकर जा रहा था। स्कूल पहुंचने से पहले उसके सीने में अचानक तेज दर्द होने लगा। उसने जैसे ही वैन को सड़क किनारे लगाई कि वह बेहोश हो गया। बच्चे चीखने लगे। आसपास के लोगों ने चालक को एक निजी अस्पताल में एडमिट किया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी डेथ हो गई।
बहादुरी को शत शत नमन
जसपाल की मृत्यु के बाद शहर का हर शख्स उसके लिए दुआ कर रहा है। सब लोग हाथ उठाकर यही कह रहे हैं कि भगवान उसकी आत्मा को शांति प्रदान करें।