सार

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे किसान अब 26 नवंबर को दिल्ली में हंगामा बोलेंगे। इसके लिए पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों का जत्था दिल्ली की तरफ कूच कर गया है। हालांकि उन्हें रोकने हरियाणा बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस ने सोमवार-मंगलवार की रात से सुबह तक कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। किसान आंदोलन के चलते यात्री ट्रेनों की आवाजाही अब भी बाधित है।
 

चंडीगढ़. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसान 26 नवंबर को नई दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों के जत्थे दिल्ली की ओर कूच कर गए हैं। इस स्थिति को देखते हुए हरियाणा बॉर्डर पर उन्हें रोकने कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस किसान नेताओं को गिरफ्तार कर रही है। इस बीच आंदोलन के चलते यात्री ट्रेनों की अभी भी पूर्णत: बहाली नहीं हो पाई है। हरियाणा पुलिस ने सोमवार-मंगलवार की रात से सुबह तक कई किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इनमें भारतीय किसान यूनियन के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष कर्म सिंह मथाना, भाकियू (रतन मान गुट) के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान, जिला महासचिव जगदीप सिंह के अलावा किसान नेता अजय राणा जिला, जगदीप औलख, सत्यवान नरवाल, सुरेश कौथ, विकास इस्सर शामिल हैं।

धारा 144 लगाई

हरियाणा पुलिस ने पंजाब से दिल्ली की तरफ आ रहे किसानों को रोकने नाकाबंदी कर दी है। जींद में दातासिंहवाला बॉर्डर और अम्बाला में देवीनगर और सद्दोपुर बॉर्डर पर कड़ी सिक्योरिटी है। वहीं, झज्जर-रेवाड़ी समेत कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है। सोनीपत में कुंडली बॉर्डर पर भी ऐसे ही कड़े इंतजाम हैं। हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि किसी भी विकट स्थिति से निपटने केंद्र से रेपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 5 कंपनियां बुलाई गई हैं। ये सिरसा, अम्बाला, जींद में पंजाब बॉर्डर और सोनीपत में दिल्ली बॉर्डर पर तैनात होंगी। इसके अलावा पुलिस की 14 अतिरिक्त कंपनियां भी लगाई गई हैं। बता दें कि भाकियू प्रवक्ता राकेश बैंस के मुताबिक, पंजाब से 8 स्थानों से किसान हरियाणा में प्रवेश करेंगे।

सीएम ने की दिल्ली कूच वापस लेने की अपील

इस बीच हरियाण के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने किसानों से दिल्ली कूच वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए फायेदमंद रहेंगे। खट्टर ने गुमराह करने वालों से सतर्क रहने को कहा है।

फिर बाधित हुई ट्रेनों की आवाजाही
पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों से चर्चा की थी। इसके बाद मालगाड़ियों सहित यात्री ट्रेनों के रास्ते से आंदोलनकारी हटने को राजी हो गए थे। लेकिन फिर से ट्रेनों बाधित की जा रही हैं। उदाहरण के तौर पर जंडियाला में दो महीने बाद पैसेंजर ट्रेन बहाल हुई। लेकिन इस बीच किसानों ने गोल्डन टेंपल मेल को तीन घंटे रोके रखा। इसे वाया तरनतारन चलाना पड़ा। वहीं कुछ ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।