सार
पटियाला में पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर 2718 पेटी शराब जब्त की। टीम का नेतृत्व कर रहे आबकारी विभाग के कमिश्नर रजत अग्रवाल ने बताया कि यह कार्यवाही एक सूचना के आधार पर की गई।
पटियाला। नशे की वजह से चर्चा में रहने वाले पंजाब के विधानसभा चुनाव में अवैध नशे पर रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग और पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। छापेमार के दौरान पटियाला में पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर 2718 पेटी शराब जब्त की। टीम का नेतृत्व कर रहे आबकारी विभाग के कमिश्नर रजत अग्रवाल ने बताया कि यह कार्यवाही एक सूचना के आधार पर की गई।
रजत अग्रवाल ने बताया कि जानकारी मिली थी कि शहर के एक शराब ठेकेदार ने भारी मात्रा में शराब का अवैध भंडारण कर रखा है। सूचना के आधार पर टीम ने पटियाला शहर के ग्रुप-18 के लिए रिटेल लाइसेंस धारी मंजू सिंगला के परिसर में छापेमारी की। तलाशी के दौरान ललित सिंगला पुत्र ज्ञान चंद सिंगला, केशव सिंगला पुत्र वरिंदर कुमार निवासी सराय अलबेल सिंह लाहौरी गेट, पटियाला (जो लाइसेंसधारी के परिवार के सदस्य हैं) और उनके साथी उमेश शर्मा, उनके आवासीय परिसर में शराब मिली है। विभाग ने तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना लाहौरी गेट में एफआईआर दर्ज कर ली है।
आबकारी आयुक्त ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में विभाग ने शराब या किसी अन्य की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे पूरे राज्य में शराब के अवैध निर्माण, तस्करी और भंडारण से संबंधित किसी भी गतिविधि के बारे में जानकारी दें ताकि समय पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जा सके।
मतदाता को प्रभावित करने के लिए शराब का सहारा लेते हैं प्रत्याशी
बता दें कि पंजाब नशे के लिए काफी चर्चा में रहता है। चुनाव के दिनों में मतदाता को प्रभावित करने के लिए प्रत्याशी या उसके समर्थक शराब का सहारा लेते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए पंजाब में लगातार पुलिस और आबकारी विभाग छापेमारी कर रहा है। रजत अग्रवाल ने बताया कि छापेमारी के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है। जहां से भी उन्हें इस तरह की जानकारी मिलती है, तुरंत एक्शन लिया जाता है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए समाज के हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। यदि आम आदमी भी जागरूक हो जाए तो शराब और नशे के दम पर मतदाता को प्रभावित करने वालों की नकेल कसी जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के दिनों में अवैध शराब पर रोक लगाना इसलिए भी जरूरी हो जाता है कि कहीं यह शराब जहरीली न हो, जिससे कोई बड़ी घटना हो जाए।