सार
दिल्ली-एनसीआर में अभी भी वायु प्रदूषण (Air Pollution) खतरनाक स्तर पर है। शुकवार सुबह यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (Delhi AQI) 332 रहा। यह बेहद खराब श्रेणी में आती है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की सख्ती के बाद दिल्ली सरकार एक्शन में आई है। प्रदूषण फैलाने वाले व्हीकल्स के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है। इस बीच, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 15 नवंबर 2021 तक धान की पराली जलाने का क्षेत्र 12.9 लाख हेक्टेयर था। ये पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (PRSC) के अनुसार राज्य में कुल चावल क्षेत्र का करीब 43% है।
चंडीगढ़। दिल्ली और एनसीआर (Delhi-NCR) इलाका हर साल की तरह वायु प्रदूषण (Air Pollution) के खतरनाक स्तर से गुजर रहा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने दिल्ली, पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) की सरकारों को प्रदूषण रोकने के उपायों को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, पंजाब में पराली जलाने (Stubble Burning) के आंकड़ों ने एक बार फिर चौंका दिया है। पंजाब ने इस साल 15 नवंबर तक राज्य के कुल चावल के 43 फीसदी से ज्यादा एरिया की पराली को जला दिया है। ये पिछले साल की तुलना में 16 फीसदी से कम है। बता दें कि पंजाब में इस साल धान की फसल में देरी देखी गई। 6 जिलों में पहले ही धान की खेती के कुल क्षेत्रफल का 53% से 60% पराली का हिस्सा जलाया जा चुका है।
पंजाब में लगातार पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस साल 21 नवंबर तक पंजाब में आग लगने की 71,024 घटनाएं दर्ज की गईं। जबकि 2020 में 76,592 आग की घटनाएं दर्ज की गई थीं। इसके अलावा, 2019, 2018 और 2017 में खेतों में आग की घटनाओं की संख्या क्रमशः 55, 210, 50, 590 और 45,384 थी। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 15 नवंबर 2021 तक धान की पराली जलाने का क्षेत्र 12.9 लाख हेक्टेयर था। ये पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (PRSC) के अनुसार राज्य में कुल चावल क्षेत्र का करीब 43% है। 2020 में 17.96 लाख हेक्टेयर धान की फसल जलाई गई। PRSC के डेटा से यह भी सामने आया है कि पंजाब में 6 नवंबर से 15 नवंबर तक 10 दिनों में 47% क्षेत्र यानी कुल 12.9 लाख हेक्टेयर में से 6.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की पराली को जलाया गया। ये समय राज्य में गेहूं की बुवाई करने का था। ऐसे में किसानों ने समय पर बुवाई के लिए फसलों को साफ करके जलाया है।
ये हैं पराली जलाए जाने के PRSC के आंकड़े...
- पंजाब में 16 सितंबर से पराली जलाना शुरू किया गया था।
- 5 नवंबर यानी 51 दिनों तक 6.86 लाख हेक्टेयर में आग लगाई गई।
- धान की पराली जलाने में कपूरथला जिला सबसे आगे था। यहां 59.65% इलाके में आग लगाई गई।
- कपूरथला में 21 नवंबर तक 1,794 आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
- 72,000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र की पराली को जलाया गया।
- अमृतसर और तरतारन में 57% (1.01 लाख हेक्टेयर) और 55.63% (1.02 लाख हेक्टेयर) पराली में आग लगाई गई।
- फिरोजपुर में 54% पराली जलाई गई। पटियाला ने 53% पराली को आग के हवाले किया।
PRSC के आंकड़ों में... 2017 से अब तक पराली में आग की घटनाएं
- इस साल कुल चावल का रकबा 29.68 लाख हेक्टेयर है, जिसमें 12.9 लाख हेक्टेयर की पराली में 15 नवंबर तक आग लगाई गई।
- 2020 में चावल की खेती के कुल 27.89 लाख हेक्टेयर में से 17.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की पराली में आग लगाई गई।
- 2019 में कुल 28.77 लाख हेक्टेयर धान की फसल में से 18.95 लाख हेक्टेयर की पराली जलाई गई।
- 2018 में चावल की खेती में 29.07 लाख हेक्टेयर में से 17.81 लाख हेक्टेयर में पराली जलाई गई।
- 2017 में कुल 27.64 लाख हेक्टेयर में से 19.77 लाख हेक्टेयर में पराली जलाई गई।
NASA ने खींची पराली से उठते धुएं की तस्वीर
18 नवंबर को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सेंटर फॉर साइंस एंड एंवायरोमेंट (CSE) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए बाहरी स्रोतों का योगदान 69% है और दिल्ली के अपने स्रोतों का योगदान 31% है। यह स्टडी 2016 में दिल्ली में एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट(टेरी) ने कराई थी। इस बीच अमेरिकी संस्था NASA ने एक तस्वीर शेयर की है। ये तस्वीर 11 नवंबर को ली गई थी। इसमें पंजाब और हरियाणा में जलाई गई पराली का धुआं दिल्ली की ओर बढ़ते दिखाई दे रहा है। तस्वीर में दिल्ली-NCR की ओर बढ़ते धुएं को लाल बिंदु से दर्शाया गया है। नासा ने अपने ब्लॉग में इसका जिक्र किया है। इसके अनुसार 11 नवंबर 2021 को सुओमी एनपीपी उपग्रह पर विज़िबल इन्फ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सूट (VIIRS) ने पंजाब और हरियाणा में आग(पराली) से उठे धुएं को दिल्ली की ओर बढ़ते देखा जा सकता है। एक वैज्ञानिक के हवाले से लिखा गया कि इस दिन करीब 22 मिलियन लोग धुएं से प्रभावित हुए हैं।
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