सार

पंजाब सरकार का कहना है कि बिक्रम पर तथ्यों के आधार पर केस दर्ज किया गया है और पूछताछ के लिए गिरफ्तारी जरूरी है। इससे पहले मोहाली कोर्ट ने मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद मजीठिया ने हाईकोर्ट में अपील की है। 

चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) की तारीखों का ऐलान हो गया है। इधर, अकाली दल (SAD) के नेता बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithia) के चुनाव लड़ने पर संशय बना हुआ है। वे चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं, ये हर कोई जानना चाहता था। क्योंकि बिक्रम मजीठिया पर हाल ही में ड्रग तस्करी (drugs case) का केस दर्ज करवाया है। इसके बाद से वे फरार चल रहे हैं। उन्होंने पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है। इसी सुनवाई पर पंजाब के लोगों की निगाहें टिकी हैं। इस मामले में पिछली सुनवाई 5 जनवरी को हुई थी। तब कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। मजीठिया के वकील ने दावा किया कि राजनीति के तहत उनसे बदला लिया जा रहा है। राज्य में चुनावी फायदा उठाने की कोशिश का भी आरोप लगाया है।

पंजाब सरकार का कहना है कि बिक्रम पर तथ्यों के आधार पर केस दर्ज किया गया है और पूछताछ के लिए गिरफ्तारी जरूरी है। इससे पहले मोहाली कोर्ट ने मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद मजीठिया ने हाईकोर्ट में अपील की है। जब से मजीठिया के खिलाफ NDPS ऐक्ट में केस दर्ज हुआ है, तब से अंडरग्राउंड चल रहे हैं। बिक्रम मजीठिया अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर के भाई हैं। बताते चलें कि बिक्रम मजीठिया पंजाब सरकार में मंत्री रहे हैं और लगातार 3 बार से विधायक चुने जा रहे हैं। उनके खिलाफ पंजाब पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है।

दिग्गज वकील उतरे हैं मैदान में
हाइकोर्ट ने 5 जनवरी को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से 8 जनवरी तक नोटिस का रिप्लाई मांगा था। मजीठिया की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी और आरएस चीमा पेश हुए। जबकि सरकार की तरफ से पी चिदंबरम पेश हुए और मजीठिया की जमानत का विरोध किया।

ये है मामला....
पंजाब में 2013 में 6 हजार करोड़ रुपए के ड्रग्स रैकेट का खुलासा हुआ था। इस मामले में पुलिस ने अनूप सिंह काहलो को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में एक आरोपी ने मजीठिया का नाम लिया था। ड्रग्स माफिया से मजीठिया के रिश्तों का आरोप भी लगा। मई 2018 में STF ने हाइकोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट पेश की, उस दौरान मजीठिया से पूछताछ हुई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब से कांग्रेस के कई नेता मजीठिया पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। हाल ही में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी बिक्रम मजीठिया पर कार्रवाई की बात कही थी। उसके बाद चन्नी सरकार ने मजीठिया के खिलाफ NDPS एक्ट में केस दर्ज किया।

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