सार
हरीश रावत ने बुधवार को एक के बाद एक अपने ट्वीट में पार्टी नेतृत्व से नाराजगी जाहिर की और यहां तक कहा कि उन्हें नए साल में ‘भगवान केदारनाथ से मार्गदर्शन’ की उम्मीद है। कई लोगों के लिए ट्वीट एक स्पष्ट संकेत थे कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव नजदीक आने के साथ ही जिम्मेदारियों से अलग होना चाहते हैं। इसका कारण पंजाब और उत्तराखंड दोनों राज्यों में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है।
नई दिल्ली। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने बुधवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर पार्टी नेतृत्व से नाराजगी सार्वजनिक कर दी है। जिसके बाद उनके पूर्व सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और ट्विटर कर रावत पर तंज कसा है। कैप्टन ने लिखा- ‘आप जो बोते हैं वही काटते हैं! आपके भविष्य के प्रयासों (यदि कोई हो) के लिए शुभकामनाएं।’ बता दें कि रावत कांग्रेस के पंजाब प्रभारी रहे हैं और उनके कार्यकाल में ही कैप्टन को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। कहा जा रहा है कि अब हरीश रावत भी पार्टी आलाकमान के फैसलों से बेहद नाराज हैं और जल्द ही कोई बड़ा ऐलान करने वाले हैं।
दरअसल, हरीश रावत ने बुधवार को एक के बाद एक अपने ट्वीट में पार्टी नेतृत्व से नाराजगी जाहिर की और यहां तक कहा कि उन्हें नए साल में ‘भगवान केदारनाथ से मार्गदर्शन’ की उम्मीद है। कई लोगों के लिए ट्वीट एक स्पष्ट संकेत थे कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव नजदीक आने के साथ ही जिम्मेदारियों से अलग होना चाहते हैं। इसका कारण पंजाब और उत्तराखंड दोनों राज्यों में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है।
जहां तैरना है, वहां छोड़ रखे हैं कई मगरमच्छ
रावत ने ट्वीट किया- ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है, जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं, जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!’
बड़ी ऊहापोह की स्थिति में हूं
अगले ट्वीट में रावत ने लिखा है- ‘फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।’
पंजाब के प्रदेश प्रभारी थे रावत, कैप्टन को देना पड़ा था इस्तीफा
बता दें कि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हरीश रावत 2022 के उत्तराखंड चुनावों के लिए पार्टी का चेहरा हैं। कुछ समय पहले तक वह पंजाब में पार्टी के प्रदेश प्रभारी भी थे, जो कैप्टन अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह सिद्धू के विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे। इस विवाद में सितंबर में कांग्रेस ने सिद्धू का साथ दिया और अमरिंदर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था, इसमें रावत को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देखा गया था, जिसके बाद अमरिंदर सिंह ने पार्टी छोड़ दी थी और अपनी पार्टी शुरू की। इसके कुछ दिनों बाद ही हरीश रावत ने अपनी पंजाब में भूमिका से मुक्त होने के लिए कहा था ताकि वे अपने गृह राज्य उत्तराखंड पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
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