सार
इस बार निगम चुनाव में कई दिग्गजों की साख दांव पर है। किसी का बेटा तो किसी की पत्नी चुनाव मैदान में हैं। कुछ वरिष्ठ नेताओं की बहुएं भी अपना भाग्य आजमा रही हैं। कई सीटें ऐसी हैं, जहां कड़ा मुकाबला देखने को मिला।
चंडीगढ़ : पंजाब (Punjab) के चंडीगढ़ (chandigarh) में शुक्रवार को नगर निगम चुनाव के लिए वोटिंग हुई। लोग सुबह से ही लाइनों में लग गए थे। शहर के 694 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं ने वोट डाले। इस बार कुल 6 लाख 33 हजार 481 मतदाता 35 वार्डों में भाग्य आजमा रहे 203 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला किया। इनमें 3 लाख 32 हजार 181 पुरुष और 3 लाख एक हजार 280 महिला मतदाता शामिल हैं। इसके साथ ही 20 ट्रांसजेंडर वोटर भी शामिल थे। शाम 5 बजे के बाद पोलिंग बूथ के गेट बंद कर दिए गए थे।
कई सीटों पर कड़ी टक्कर
इस बार निगम चुनाव में कई दिग्गजों की साख दांव पर है। किसी का बेटा तो किसी की पत्नी चुनाव मैदान में हैं। कुछ वरिष्ठ नेताओं की बहुएं भी अपना भाग्य आजमा रही हैं। कई सीटें ऐसी हैं, जहां कड़ा मुकाबला देखने को मिला। अबकी बार भाजपा (BJP) और कांग्रेस (congress) के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) के मैदान में आने से कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। वहीं शिरोमणि अकाली दल इस बार बसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरा है। कुछ जगह निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा भी दिखाई दिया।
कांग्रेस की हार होगी
सांसद किरण खेर (Kirron Kher) ने सेक्टर-7 में वोट डाला। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि स्वच्छता में चंडीगढ़ कांग्रेस की गलतियों की वजह से पिछड़ा। डंपिंग ग्राउंड कांग्रेस की ही देन है। अपने कार्यकाल में उन्होंने क्या किया। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्लांट लगाया है और काम चल रहा है। किरण खेर ने कहा कि चुनावों में भाजपा की जीत होगी।
3700 पुलिसकर्मियों की तैनाती
शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए 3700 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। संवेदनशील घोषित बूथों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहा। चुनाव में कोरोना संक्रमितों के वोट डालने की भी व्यवस्था की गई थी। कोविड पॉजिटिव वोटिंग के आखिरी घंटे में वोट डाले। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा इंतजाम किए गए हैं।
साल 2016 में पड़े थे सबसे अधिक वोट
पिछले नगर निगम चुनाव में 26 वार्डों पर वोटिंग हुई थी। इस बार गावों को निगम में शामिल करने के बाद 35 वार्डों पर इलेक्शन हो रहे हैं। साल 2016 में सबसे अधिक वोटिंग हुई थीं। चुनाव में 59.54% मतदान हुआ था। पिछले चुनाव में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन था। इस साल दोनों पार्टियां अलग-अलग मैदान में उतरी है।
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