सार
कांग्रेस ने यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और तीन बार के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को नया पीसीसी चीफ बनाया है। इसके अलावा भारत भूषण आशू को कार्यकारी अध्यक्ष और प्रताप सिंह बाजवा को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।
चंडीगढ़ : पंजाब (Punjab) में नए कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के बाद से ही पार्टी के अंदरखाने तकरार बढ़ गई है। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) खेमा नाराज हो गया है। नए पीसीसी चीफ अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग (Amrinder Singh Raja Warring) का नाम सामने आते ही सिद्धू समर्थक नेता नाराज हो गए हैं। बयानबाजी शुरू हो गई है। कोई राजा वड़िंग को नौसिखिया तो कोई मौकापरस्त बता रहा है। जिससे कांग्रेस की कलह एक बार फिर उभरकर सामने आ गई है। जो आने वाले वक्त में पार्टी के लिए मुसीबत बन सकती है।
सिद्धू के सिपहसलार नाराज
चुनाव में हार के बाद सिद्धू ने पीसीसी चीफ पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन एक बार फिर वे सभी नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे थे। कहा जा रहा था कि सिद्धू हाईकमान के सामने शक्ति-प्रदर्शन कर एक बार फिर राज्य ईकाई की कमान अपने हाथ में लेना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उनके मंसूबों पर पानी फेरते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबियों को कमान सौंप दी। जिससे सिद्धू समर्थक नाराज हो गए।
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किसने क्या कहा
इस नियुक्ति के बाद पूर्व मंत्री सुरजीत धीमान भड़क गए और उन्होंने ने तो राजा वडिंग को मौकापरस्त बताया। सिद्धू की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सिद्धू ने बिना किसी स्वार्थ के पार्टी के लिए काम किया। पद से हटाए जाने के बाद भी वे कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं। यह वक्त सिद्धू जैसे इंसान के हाथ में कमान सौंपने का है। उन्होंने कहा कि राजा वड़िंग का नाम ड्रग और पैसों के लेन-देन के मामले में जब आया था तब वे बादल परिवार के नतमस्तक हो गए थे।
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मेल-मुलाकात का दौर
वहीं, सिद्धू के पूर्व सलाहकार सुरिंदर ढल्ला और पूर्व विधायक सुनील दत्ती ने भी इस नियुक्त पर सवाल उठाए हैं। दोनों ने सिद्धू का पक्ष लेते हुए कहा कि सिद्धू अंतर्कलह का शिकार हुए हैं। उन्होंने कभी आजादी से काम करने ही नहीं दिया गया। अगर वो जो चाहते थे, वो कर पाते तो आज स्थिति कुछ और होती। वहीं, इस नियुक्ति के बाद सिद्धू के घर समर्थक नेताओं का तांता लगा हुआ है.
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