सार
सिद्धू ने ट्वीट के कहा-मैं माननीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी का आभारी हूं, श्री राहुल गांधी जी और श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने मुझ पर विश्वास करते हुए और मुझे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है, इसके लिए में उनको धन्यवाद देता हूं।
चंडीगढ़. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ना चहाते हुए भी दिल्ली में बैठे कांग्रेस आलाकमान ने रविवार को नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। अब एक दिन बाद सिद्धू की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सोमवार सुबह ट्वीट कर पार्टी हाईकमान का शुक्रिया जताया। साथ ही पंजाब मिशन की बात करते हुए तस्वीर भी शेयर की। इस दौरान सिद्धू अमरिंदर सिंह का एक बार भी जिक्र नहीं किया।
सिद्धू ने सभी को कहा शुक्रिया..लेकिन कैप्टन का नाम तक नहीं लिया
सिद्धू ने ट्वीट के कहा-मैं माननीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी का आभारी हूं, श्री राहुल गांधी जी और श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने मुझ पर विश्वास करते हुए और मुझे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है, इसके लिए में उनको धन्यवाद देता हूं। साथ ही उनको यकीन दिलाता हूं कि मैं एक विनम्र कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में कांग्रेस के सभी परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर पंजाब में काम करूंगा और पंजाब के इस अजेय किले को मजबूत करने के लिए काम करूंगा। शुक्रिया मेरी शक्ति वापस देने के लिए वास्तव में अब मेरी यात्रा अभी शुरू हुई है। सिद्धू ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए, लेकिन एक बार भी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का नाम नहीं लिया।
पिता की तस्वीर शेयर बताया क्रांगेसी कनेक्शन
वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पिता की एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के साथ नजर आ रहे हैं। इस फोटो के साथ सिद्धू ने लिखा-मेरे पिता एक कांग्रेसी कार्यकर्ता थे जो कि देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़े हैं। उन्होंने शाही घराने को छोड़ कर आजादी की लड़ी, देशभक्ति के लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। बाद में किंग्स एमनेस्टी राहत मिलने के बाद डीसीसी के अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी और एडवोकेट जनरल के पद पर रहे।
सीएम कैप्टन के विरोध के बाद भी सिद्धू बने अध्यक्ष
बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच पिछले चार साल यानि सरकार बनने के बाद से मतभेद चल रहे हैं। सीएम कैप्टन ने सिद्धू कांग्रेस अध्यक्ष पद देने के लिए विरोध भी किया था। लेकिन पार्टी आलाकामान ने उनको समझा दिया और सिद्धू को अध्यक्ष की कुर्सी सौंप दी। हालांकि बाद में कैप्टन ने कहा था कि सोनिया जी जो फैसला करेंगी वह मुझे मंजूर होगा। वहीं बाद में कहा था कि जब तक सिद्धू मुझ से सार्वजनिक माफी नहीं मांग लेते मैं उनसे मुलाकात नहीं करूंगा।