सार
कमेटी की तरफ से बताया गया है कि राज्य के सभी कांग्रेस विधायकों ने सीएम कैप्टन अमरिंदर पर विश्वास जताया है। उनके ही नेतृत्व पर साल 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए राज्य में कुछ बदलाव होना चाहिए।
चंडीगढ़. पंजाब सरकार में जारी सियासी उथल-पुथल को शांत करने के लिए दिल्ली में बैठे कांग्रेस हाईकमान ने 3 सदस्य कमेटी बनाकर जल्द रिपोर्ट देने को कहा था। इस कमेटी में मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत और जयप्रकाश अग्रवाल शामिल थे। जिन्होंने राज्य के तमाम कांग्रेस नेताओं से बात करने के बाद पाटी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस बीच सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
विधायकों को पहली पसंद सीएम कैप्टन
कमेटी की तरफ से बताया गया है कि राज्य के सभी कांग्रेस विधायकों ने सीएम कैप्टन अमरिंदर पर विश्वास जताया है। उनके ही नेतृत्व पर साल 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। हालांकि पिछले कुछ दिन से सीएम को लेकर शिकायतें भी आ रहीं थी कि वह विधायकों का फोन नहीं उठाते हैं। लेकिन कैप्टन ने कोरोना का हवाला दिया है।
'सीएम के खिलाफ राज्य में कोई गुटबाजी नहीं'
कमेटी ने तीनों सदस्यों ने पार्टी के सभी विधायकों से बात करने के बाद कहा है कि सीएम के खिलाफ राज्य में कोई गुटबाजी नहीं है। ना ही कोई सिद्धू के समर्थन में कोई गुट सामने आया। लेकिन कुछ विधायकों और कमेटी का मानना है कि सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए राज्य में कुछ बदलाव होना चाहिए। साथ ही सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को डिप्टी सीएम या फिर अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री पद से दिया था इस्तीफा
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने जुलाई 2019 में लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह इस्तीफा राहुल गांधी को सौंपा था। जिसकी जानकारी उन्होने खुद ट्वीट के माध्यम से दी थी। वहीं कैप्टन सरकार पर विभाग सही से न संभाल पाने का आरोप लगाया था। इसी बात से नाराज होकर वह राज्य की कांग्रेस की सभी गतिविधियों से दूर हो गए थे। तब से सिद्धू और सीएम अमरिंदर के बीच दूरियां पैदा हो गई थीं।