सार
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, जिसके पास दिमाग होता है वह कुछ भी कर सकता है, कुछ ऐसा कमाल कर दिखाया है पंजाब के 8वीं कक्षा के छात्र हरमनजोत सिंह ने, जिन्होंने कबाड़ से साइकिल बना दी।
लुधियाना. आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, जिसके पास दिमाग होता है वह कुछ भी कर सकता है, कुछ ऐसा कमाल कर दिखाया है पंजाब के 8वीं कक्षा के छात्र हरमनजोत सिंह ने, जिसने अपने पिता की मदद से कबाड़ से साइकिल बना दी।
पिता बेटे को नहीं दिला पा रहे थे साइकिल
लुधियाना के रहने वाले हरमनजोत अक्सर अपने पिता से साइकिल दिलाने की जिद करता था, लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी की वजह से वह दिला नहीं पा रहे थे। कोरोना की वजह से स्कूल बंद हैं, ऐसे में हरमनजोत ने खाली समय का उपयोग करके जुगाड़ से साइकिल बना डाली।
आगे से स्कूटर..पीछे से दिखती है साइकिल
हरमनजोत जो साइकिल बनाई है वह स्कूटर की तरह दिखती है। पहली बार सामने से देखने वाले को वह स्कूटर नजर आता है। लेकिन जब वह पैडल मारता दिखता है तो साइकिल दिखती है। आसपास के लोग बच्चे की इस कलाकारी को देखकर हैरान हैं। हरनमन ने हैंडिल की जगह पर कबाड़ में पड़ी स्कूटर का आगे का हिस्सा लगा दिया। हरमन कहता है कि देखो अब मेरे पास साइकिल भी है और स्कूटर भी, मुझे इसे चलाने में बहुत मजा आता है।
सोशल मीडियो पर वायरल हो रहा वीडियो
हरमनजोत की साइकिल चलाने वाला यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को 25 अगस्त की सुबह शेयर किया गया है, जिसके अब तक 27 हजार से ज्यादा व्यूज हो चुके हैं। साथ ही 1000 लाइक्स और सैकड़ों रि-ट्वीट आ चुके हैं।