सार
पंजाबी यूनिवर्सिटी (Punjabi University) के वाइस चासंलर प्रो. अरविंद (IISRM) ने कांग्रेस विधायक मदन लाल जलालपुर (MLA Madan Lal Jalalpur) को मानहानि का नोटिस (Defamation Case) भेजा है। इसमें VC अरविंद ने बिना शर्त के सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने और मुआवजे के रूप में 20 करोड़ रुपए की मांग की है। पंजाब के मुख्यमंत्री (CM Channi) के साथ एक कार्यक्रम के दौरान जलालपुर ने आरोप लगाया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने आरएसएस (RSS) के कहने पर ही प्रो. अरविंद की बतौर वीसी नियुक्ति की थी।
चंडीगढ़। पंजाबी यूनिवर्सिटी (Punjabi University) के वाइस चासंलर प्रो. अरविंद (IISRM) ने कांग्रेस विधायक मदन लाल जलालपुर (MLA Madan Lal Jalalpur) को मानहानि का नोटिस (Defamation Case) भेजा है। इसमें VC अरविंद ने बिना शर्त के सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने और मुआवजे के रूप में 20 करोड़ रुपए की मांग की है। पंजाब के मुख्यमंत्री (CM Channi) के साथ एक कार्यक्रम के दौरान जलालपुर ने आरोप लगाया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने आरएसएस (RSS) के कहने पर ही प्रो. अरविंद की बतौर वीसी नियुक्ति की थी।
घन्नौर (Ghannaur) से कांग्रेसी विधायक मदन लाल जलालपुर मुश्किलों में हैं। पंजाबी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. अरविंद को पूरे मीडिया के सामने और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की हाजिरी में आरएसएस का कहना महंगा पड़ सकता है। वीसी ने विधायक जलालपुर को लीगल नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि वह 15 दिनों के अंदर सार्वजनिक तौर पर वीसी से माफी मांगें वरना उनके खिलाफ 20 करोड़ की मानहानि का दावा ठोका जाएगा।
वीसी बोले- मेरा किसी पार्टी से लेना-देना नहीं, माफी मांगो मदन लाल
वीसी प्रो. अरविंद ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के साइंटिस्ट हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक जलालपुर ने उनके खिलाफ बिना तथ्यों के बेहद गलत शब्दावली का इस्तेमाल किया। वीसी प्रो. अरविंद ने कहा कि उनका सिलेक्शन मेरिट के आधार पर किया गया है और उनका किसी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। इसलिए उन्होंने अपने वकील के जरिए विधायक जलालपुर को लीगल नोटिस भेजा है। जिसमें जलालपुर को 15 दिनों के अंदर लिखित में या सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहा गया है। वर्ना जलालपुर के खिलाफ 20 करोड़ की मानहानि का दावा ठोका जाएगा। वहीं, विधायक जलालपुर से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो की।
पंजाबी यूनिवर्सिटी अध्यापक संघ ने कार्रवाई की मांग की थी
हाल ही में पंजाबी यूनिवर्सिटी में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान जब सीएम चन्नी ने विधायक जलालपुर को मंच पर आने को कहा तो जलालपुर ने कहा कि वह वीसी प्रोफेसर अरविंद के साथ नहीं बैठेंगे, क्योंकि वह आरएसएस के हैं। जलालपुर ने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरएसएस के कहने पर ही उनकी बतौर वीसी नियुक्ति की थी। उधर, पंजाबी यूनिवर्सिटी अध्यापक संघ (पुटा) ने भी इस घटना को लेकर विधायक जलालपुर की निंदा की और चन्नी से कार्रवाई की मांग की थी। मदन लाल प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम चन्नी के पास ना बैठकर उनके सामने बैठ गए थे।
अध्यापक संगठन में दो फाड़...
पुटा वाइस प्रधान डॉ. गुरनाम विर्क ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पुटा कार्यकारिणी की ना तो कोई मीटिंग की गई, ना ही ये विवादित बयान जारी करने के लिए किसी के साथ विचार किया गया। इधर, पुटा प्रधान भूपिंदर विर्क ने कहा कि बहुमत हमारे पास है। पुटा टीचरों के हित में काम कर रही है। एक आउटसाइडर आकर वीसी को कुछ बोल रहा, यह गलत है। पुटा के ही चलते यूनिवर्सिटी को ग्रांट मिली है। वीसी एडमिनिस्ट्रेटिव हेड है। वहीं, वाइस प्रधान गुरनाम विर्क ने कहा कि पिछले दिनों सरकार ने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला को बहुत बड़ी अनुदान और राहत का पैकेज यूनिवर्सिटी में अनाउंस किया है, हम बतौर अध्यापक उसका स्वागत करते हैं। लेकिन पुटा प्रधान और सचिव की तरफ से ऐसे विवादित बयान बिना किसी के साथ सलाह या कोई पुटा कार्यकारिणी की सभा बुलाए बिना दिए जाना गलत है।