सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार राजस्थान का दौरा पूरा हो गया। दस साल बाद 1 नवंबर को 1500 आदिवासियों की शहीद स्थली मानगढ़ धाम पहुंचे। जहां पीएम कुछ मिनट के लिए वे मंच पर आए और हजारों लोगों के सामने अपना पक्ष रखा।

बांसवाड़ा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दस साल बाद 1 नवंबर को 1500 आदिवासियों की शहीद स्थली बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम पहुंचे। यहां पीएम के साथ तीन राज्यों के आदिवासियों के अलावा तीन राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। सूबे के सीएम अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल थे। पीएम ने सबसे पहले मानगढ़ धाम में आदिवासी दिवंगत नेता गोविंद गुरु की धूणी पर पुष्प चढ़ाए और पूजा अर्चना कर उनका आर्शीवाद लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोंधित किया। तो आइए 7 प्वॉइंट में जानते हैं पीएम के इस कार्यक्रम में किसे क्या मिला...

1. तीन राज्यों की सौ से भी ज्यादा सीटें साधने आए मोदी साफ मैसेज दे गए कि आदिवासी उनकी प्राथमिकताओं में हैं। राजस्थान, गुजरात और एमपी के आदिवासियों के सम्मान और उनके पूर्वजों की याद मंे उन्होंने अच्छी बातेें कहीं। संभव है कि जल्द ही इन राज्यों के आदिवासियों को इसका फायदा भी मिले। 

2. राजस्थान के सीएम गहलोत ने पीएम मोदी की तारीफ की। विदेशों में बज रहे उनके डंके की चर्चा भी। इस बीच ही अपनी तीन मांगे भी परोस दीं। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। तीन छोड़ एक मांग पर भी पीएम ने गौर नहीं किया। 

3. तीनों राज्यों से आए हजारों आदिवासी मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का इंतजार कर रहे थे लेकिन पीएम ने अपने भाषण में स्मारक शब्द तक नहीं बोला। मैसेज साफ है कि मानगढ़ धाम को अभी तक राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का वक्त नहीं आया। 

4. पीएम मोदी ने मंच से सीएम गहलोत की जमकर तारीफ की। यहां तक कहा कि मंच पर अभी आप सबसे अनुभवी हैं। मैसेज साफ था कि पीएम मोदी, सीएम गहलोत की पदवी और उनके अनुभव का सम्मान करते हैं। लेकिन यह जरुरी नहीं की उनकी सभी बातें मानी जाएं। 

5. पीएम का कुछ ही मिनट का दौरा भाजपाईयों के लिए भी मैसेज छोड़ गया। भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के तमाम दिग्गज वहां मौजूद थे और कम से कम चुनिंदा नेताओं को तो पीएम से मिलने का इंतजार था लेकिन पीएम ने एक से भी मुलाकात नहीं की। वे बता गए कि अभी अगले चुनाव से पहले होने वाली मुलाकातों का समय नहीं आया है। 

6. प्रधानमंत्री से सीएम गहलोत ने तीन मांगे की। पहली चिरंजीवी योजना को पूरे देश में मॉडल की तरह लागू किया जाए, दूसरी बांसवाड़ा को रेल लाइन से जोड़ा जाए और तीसरी मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए। लेकिन तीनों मांगों पर पीएम सिर्फ मुस्कुरा भर दिए। तीनों में से किसी का जवाब नहीं दिया। यानि अभी इन तीनों का ही समय नहीं आया है। 

7. आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण बात पीएम के दौरे की ये रही कि उन्होनें दौरे के लिए कम समय निकाला , क्योंकि इस दौरे के तुंरत बाद वे गुजरात के मोरबी के लिए रवाना हो गए। वहां हुए हादसें में घायलों की कुशलक्षेम पूछने के लिए। चूंकि दौरा काफी समय से पहले ही तय कर दिया गया था, इसलिए पीएम ने इसे रद्द नहीं किया।