सार
आबकारी विभाग संभालते हुए मंत्री परसादी लाल मीणा ने शराबबंदी पर कहा कि राजस्थान में कभी शराब बैन नहीं होगी। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि जहरीली शराब पीकर मरने से अच्छा है कि लोग सरकारी सिस्टम की शराब खरीदकर पीएं
जयपुर (राजस्थान). राजस्थान की गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) पदभार ग्रहण करते हुए नए मंत्री लगातार एक से बढ़कर एक बयान दे रहे हैं। आबकारी विभाग के मंत्री परसादी लाल मीणा (
Parsadi Lal Meena) ने शराबबंदी पर कहा कि राजस्थान में कभी शराब बैन नहीं होगी। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि जहरीली शराब पीकर मरने से अच्छा है कि लोग सरकारी सिस्टम की शराब खरीदकर पीएं।
जहरीली पीकर मरने से अच्छा है सरकारी पीजिए...
दरअसल, पत्रकारों ने आबकारी विभाग संभालते हुए मंत्री परसादी लाल मीणा से सवाल किया था कि क्या राजस्थान में भी बिहार की तरह शराबंदी हो सकती है। इसका जवाब देते हुए मीणा ने कहा कि हम शराबबंदी नहीं करेंगे, लेकिन लोगों को जागरूक करेंगे। उनको कहेंगे कि आप जहरीली शराब नहीं पीजिए। क्योंकि यह आपके हेल्थ के लिए नुकसान दायक है। पीना है तो सराकरी पॉलिसी के आधार पर शराब खरीदिए और पीजिए। क्योंकि बिहार में शराबबंदी के बाद जहरीली शराब अवैध रुप से बिक रही है। जिसका नतीजा यह है कि लोगों की इसे पीने से जान जा रही है।
क्या गहलोत सरकार करेगी शराबबंदी?
बता दें कि राजस्थान में पिछले कई दिनों से शराबबंदी को लेकर कई सामाजिक संगठन आंदोलन कर रहे हैं। कई जगहों पर गांव से लेकर शहरों तक में महिलाएं विरोध कर चुकी हैं। इतना ही नहीं पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान चर्चा होने लगी थी कि कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में शराबबंद की घोषणा कर सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, अब कहा जा रहा है कि 2023 के चुनावों में गहलोत सरकार ऐसा कुछ कदम उठा सकती है।
गहलोत सरकार के दूसरे मंत्री ने भी दिया विवादित बयान
राजस्थान में ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे राजेंद्र गुढ़ा भी एक विवादित बयान दिया है। वह मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे हुए थे। यहां पर लोगों ने मंत्री से खराब सड़कों के बनने की शिकायत की थी। इसके बाद उन्होंने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर एनके जोशी को बुलाया और कहा कि मेरे गांव में कटरीना कैफ के गालों जैसी सड़कें बननी चाहिए। क्योंक हेमा मालिनी अब बूढ़ी हो चुकी हैं।