सार

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने एक अहम फैसला करने जा रही है। इस निर्णय के बाद दूसरे राज्यों के युवाओं के लिए राजस्थान की सरकारी नौकरियों में रास्ते बंद हो सकते हैं। बता दें कि ऐसा ही फैसला पिछले दिनों मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने लिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न विभागों की बैठक में इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए हैं।

जयपुर, राजस्थान. कोरोना काल में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। इस दिशा में अपने प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी में उनका हक दिलाने मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों एक निर्णय लिया है। यानी राज्य की सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी तर्ज पर अब राजस्थान सरकार भी चल पड़ी है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने एक अहम फैसला करने जा रही है। इस निर्णय के बाद दूसरे राज्यों के युवाओं के लिए राजस्थान की सरकारी नौकरियों में रास्ते बंद हो सकते हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न विभागों की बैठक में इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए हैं।


 यह हो सकता है...
मुख्यमंत्री गहलोत ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार, विधि सहित अन्य विभागों के सीनियर अफसरों से गुरुवार को इस संबंध में महत्वपूर्ण बैठक की। इसमें अफसरों को पूरे मामले का परीक्षण करने का निर्देश दिया है, ताकि इसे जल्दी से लागू किया जा सके। बता दें कि हर राज्य में कई ऐसी नौकरियां हैं, जहां स्थानीय युवाओं को ही तवज्जो देने की जरूरत है। जैसे-पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक, पशुधन सहायक, तृतीय श्रेणी शिक्षक, आंगनबाड़ी आदि। उल्लेखनीय है कि गहलोत ने कनिष्ठ लिपिक भर्ती परीक्षा-18 में दिव्यांगजन के 157 बैकलॉग पदों पर भी भर्ती का फैसला किया है।