सार

राजस्थान के सीकर में खनन विभाग कार्यालय के सामने किसानों का पड़ाव दिन व रात जारी है। चाय- नाश्ता व दोनों समय का खाना भी पड़ाव स्थल पर किसान खुद ही बना रहे हैं। इसके लिए वे ट्रेक्टरों में पहले से राशन का सामान, गैस सिलेंडर व चूल्हा साथ में ला रहे हैं। 


सीकर (राजस्थान). अवैध खनन पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजस्थान में ट्रैक्टरों के रवन्ना रोकने का विरोध किसानों में लगातार बढ़ता जा रहा है। माकपा राज्य सचिव व किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम की अगुआई में सीकर के खान विभाग के सामने किसानों का महापड़ाव रविवार को तीसरे दिन भी जारी है। जिसमें आक्रोशित किसानों का ट्रैक्टरों के साथ पड़ाव स्थल पर पहुंचने का क्रम भी लगातार बना हुआ है। सैंकड़ों की संख्या में किसान यहां राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए  रवन्ना जल्द जारी करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन को ओर तेज करते हुए सोमवार को फिर शहर में बड़ी रैली की घोषणा की है।

दिन व रात जारी है धरना, पड़ाव स्थल पर ही बन रहा खाना
खनन विभाग कार्यालय के सामने किसानों का पड़ाव दिन व रात जारी है। चाय- नाश्ता व दोनों समय का खाना भी पड़ाव स्थल पर किसान खुद ही बना रहे हैं। इसके लिए वे ट्रेक्टरों में पहले से राशन का सामान, गैस सिलेंडर व चूल्हा साथ में ला रहे हैं। शनिवार को भी लगातार दूसरी रात किसानों ने अंधेरे में खाना बनाकर साथ ही खाया।

इसलिए दिया जा रहा है धरना
माकपा व किसान नेता अमराराम ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के नाम पर किसानों के हितों पर कुठाराघात कर रही है। कोर्ट ने अवैध खनन के परिवहन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे। लेेकिन, राज्य सरकार ने ट्रैक्टर चालक किसानों के रवन्ना जारी करने पर रोक लगा दी है। इससे उनका वैध परिवहन भी अवैध साबित होने पर  पैनल्टी के दायरे में आ रहा है। जिससे किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई है। लिहाजा सरकार को ट्रैक्टर के रवन्ना जल्द जारी करने चाहिए। 

कल निकलेगी रैली, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
दो दिन में सुनवाई नहीं होने पर प्रदर्शनकारियों ने अब आंदोलन में तेजी लाने की घोषणा की है। अमराराम ने शनिवार को सभा को संबोधित करते हुए सोमवार को शहर में फिर बड़ी रैली निकालने की घोषणा की है। जिसमें ज्यादा से ज्यादा किसानों  से पहुंचने का आह्वान किया गया है। अमराराम ने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक  सरकार ट्रैक्टरों का रवन्ना जारी नहीं करेगी। चेतावनी दी कि जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा।