सार
राजस्थान के सीकर जिले में 67 वर्षीय बुजुर्ग को 5 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार के जुर्म में शुक्रवार को पोक्सो कोर्ट-1 ने आजीवन कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। बुजुर्ग ने 2020 में किराये पर रहने वाली 5 साल की मासूम को हवस का शिकार बनाया था।
सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में 67 वर्षीय बुजुर्ग को 5 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार के जुर्म में शुक्रवार को पोक्सो कोर्ट-1 ने आजीवन कारावास व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। बुजुर्ग ने 2020 में किराये पर रहने वाली 5 साल की मासूम को हवस का शिकार बनाया था। जिसमें विशिष्ट न्यायधीश सुमन सहारण ने आरोपी को पोक्सो एक्ट तथा एससी- एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत ये सजा सुनाई है। लोक अभियोजक यशपाल महला ने बताया कि पीड़िता की मां ने 8 दिसंबर 2020 को उद्योग नगर थाने में मामला दर्ज करवाया था। जिसमें बताया कि वह दो महीने से ताराचंद के मकान में किराये से रह रही है। पड़ोस में शादी होने की वजह से घर में मकान मालिक ताराचंद अकेला था।
इसी शाम उसकी पांच वर्षीय बेटी ताराचंद के कमरे से डरी सहमी सी निकलती हुई दिखी। उसके पीछे ही आरोपी भी कमरे से बाहर निकला। संदेह होने पर उसने बेटी को कमरे में ले जाकर उससे पूछताछ की तो उसने मकान मालिक द्वारा उसके साथ रेप और प्राईवेट पार्ट में दर्द होने की बात कही। इस पर उसने उद्योग नगर में शिकायत दी। पुलिस ने पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर आरोपी ताराचंद को दो दिन बाद 11 सितम्बर को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। जिसमें कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपी को सजा सुनाई।
कोर्ट ने कहा- अभियुक्त के प्रति नरमी उचित नहीं
विशिष्ट न्यायधीश ने फैसले में कहा है कि अभियुक्त के खिलाफ अनुसूचित जाति की नाबालिग पर लैंगिक हमला कर बलात्संग करने का अपराध कारित किया जाना पाया गया है। जिसमें न्यूनतम दंड संबंधी भी प्रावधान है। इस प्रकार के अपराधों में अभियुक्त के प्रति यदि नरमी का रुख अपनाया गया तो समाज में विपरीत संदेश जाएगा और अन्य अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा। ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख अपनाना न्यायोचित नहीं है।
17 गवाह व 27 दस्तावेज पेश
लोक अभियोजक यशपाल महला ने बताया कि मामले में कुल 17 गवाह व 27 दस्तावेज पेश हुए। जिनके आधार पर दोष सिद्ध होने पर आरोपी को ये सजा दी गई। महला ने बताया कि आरोपी पहले से जेल में है। जिसकी अवधि सजा में से कम हो जाएगी। कोर्ट ने अर्थदंड में से प्रतिकर योजना के तहत पीड़िता को नियमानुसार मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
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