सार
राजस्थाने के सीकर जिले के एक बाल सुधार गृह में दो गुटों के भिड़ने के बाद मारपीट की खबर सामने आई है। जहां दो बाल अपराधियों को घायल अवस्था में इलाज के लिए लाया गया था। दो गुटों की लड़ाई रोकने गए कर्मचारियों को भी बाल अपचारियों ने धमकी दे डाली। घायलों का प्राथमिक उपचार कराया गया है।
सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में पालवास रोड स्थित राजकीय संप्रेषण व किशोर गृह में वर्चस्व को लेकर किशोरों के दो गुटों में जबरदस्त भिडंत हो गई। दोनों ने एक दूसरे को लात- घूंसो के अलावा लोहे के पलंग की रॉड से पीटा। कर्मचारी बीच बचाव करने गए तो उन्हें भी धमकी दी। घटना एक नाबालिग सहित दो किशोर अपचारी घायल हो गए। मामले में परीविक्षा एवं कारागृह कल्याण अधिकारी गोविंद प्रतिहार ने देर रात सदर थाने में चार बाल अपराधियों सहित दो नाबालिग अपचारियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट देकर मारपीट व राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करवाया है। रिपोर्ट में अपचारियों के पास दो मोबाइल मिलना भी बताया है।
नया अपचारी आने पर हुआ विवाद
जानकारी के अनुसार विवाद बाल संप्रेषण गृह में नीमकाथाना के जयपुर से आए वारंटी अपचारी के लाए जाने पर हुआ। जो संप्रेक्षण गृह में लीडर बनने के लिए धौंस दिखाने लगा। यह पुराने अपचारियों को नागवार गुजरा। इसी बात को लेकर दोनों गुटों में झगड़ा हो गया। जिसमें एक अन्य नाबालिग अपचारी ने भी नए आए बाल अपराधी का पक्ष लिया। चार बनाम दो अपचारियों के बीच हुए घमासान में सद्दाम व उसका साथ देने वाले नाबालिग के सिर में चोट आई। जिनका प्राथमिक उपचार करवाया गया।
पलंग से रॉड निकालकर पीटा, कर्मचारियों को भी दी धमकी
बाल सुधार गृह में काफी भयंकर मारपीट हुई। जिसमें लात- घूंसों के साथ वहां मौजूद पलंग के सपोर्ट में लगे रॉड तक निकालकर हमला कर दिया गया। जिसकी वजह से ही दो लोग घायल हो गए। घटना में संप्रेक्षण गृह की खिड़की व अन्य सामानों को भी नुकसान पहुंचा। रिपोर्ट में बताया कि मारपीट करने वालों को छुड़ाने गए तो उन्होंने कर्मचारियों को भी धमकी दी। जिससे सरकारी संपति के नुकसान के साथ राजकार्य में भी बाधा पहुंची। पुलिस ने इस मामले में कल की रात में रिपोर्ट दर्ज करी है। मंगलवार के दिन पीसी करने के बाद मीडिया को वारदात की जानकारी दी है।
दो मोबाइल मिले, उठे सवाल
रिपोर्ट में किशोर अपचारियों के पास से दो मोबाइल मिलना भी बताया गया है। जिससे संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व व्यवस्था पर फिर सवाल उठ गए हैं। बतादें कि अप्रेल महीने में संप्रेक्षण गृह में अपचारियों को नशीला पदार्थ सप्लाई किए जाने का मामला सामने आया था।
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