सार

राजस्थान के सिरोही जिले में सोमवार सवेरे हाइवे पर हुए रोड एक्सीडेंट में एक के बाद एक भिड़े पांच ट्रक। वाहनों के डीजल टैंक फटे। टकराने के बाद सड़क पर फैला डीजल। किसी बड़े हादसे की आशंका से डरकर भागे लोग।

सिहोरी. राजस्थान के सिरोही जिले में सावन के चौथें सोमवार, 8 अगस्त की सवेरे उस समय हडकंप मच गया जब एक के बाद एक कई ट्रक आपस में टकरा गए। इस टक्कर के बाद कुछ वाहनों के डीजल टैंक फट गए और उनमें से डीजल गिरने लगा। डीजल गिरने की सूचना के बाद किसी अनहोनी के डर से ऐसी भगदड़ मची कि चालक और खलासी अपने अपने वाहनों को छोड़कर भाग गए। इस घटना में करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं। गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई।

मौके पर पहुंची पुलिस ने हटाया जाम
सुबह हुए हादसे के बाद जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी लगी, उनके अधिकारी मौके पर पहुंचे। एक्सीडेंट में क्षतिग्रस्त हुए वाहनों को क्रेन की मदद से सड़क से हटाया, और उसके बाद वहां लगा जाम खुलवाया गया। हादसे के बाद मौके पर पहुंची अनादरा थाना पुलिस ने बताया कि पावापुरी क्षेत्र में स्थित महेन्द्र होटल के नजदीक यह हादसा हुआ।

हाइवे में अचानक मवेशी सामने आने से हुआ हादसा
सोमवार सवेरे महेंद्र होटल के सामने से गुजर रहे एक ट्रक के सामने अचानक मवेशी आ गया। ट्रक चालक ने जैसे ही ब्रेक लगाए तो उसके पीछे एक ट्रक आकर घुस गया। दोनो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। उसके बाद एक के बाद एक तीन ट्रक और वहां आकर टकरा गए। हादसे में छह लोग घायल हो गए। इस हादसे के बाद करीब दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जाम को दुरुस्त कराने के लिए बीस से भी ज्यादा पुलिसकर्मी मौके पर जमा रहे। गनीमत रही कि हादसे में किसी की जान नहीं गई। हालांकि पांच में से तीन ट्रक गंभीर रुप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्हें सड़क किनारे खड़ा किया गया है। जहां जहां डीजल गिरा वहां पर फिसलन से बचने के लिए मिट्टी फेंकी गई है। साथ ही मामूली रूप से घायल ड्रायवर व कंडक्टर को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है।

सात महीने में 6 हजार से ज्यादा मौतें हुई, सड़क हादसों में
राजस्थान में इस साल जनवरी से लेकर जुलाई के महीने तक नौ हजार से भी ज्यादा सड़क हादसे हो चुके हैं। इन हादसों में करीब साढे़ आठ हजार लोग घायल हैं और करीब छह हजार लोगों की जान जा चुकी है। सबसे ज्यादा हादसे प्रदेश में नेशनल हाइवेज पर हुए हैं। हाइवे पर हुए हादसों में सबसे ज्यादा हादसे ट्रकों के कारण हुए हैं। अधिकतर मौतें ट्रकों से कुलचने के कारण हुई है।  

यह भी पढ़े- राजस्थान की ये देवी रूठीं तो दरबार में ही 217 भक्तों की हो गई मौत, देखते ही देखते लाशों का ढेर लग गया