सार

राजस्थान के सीकर में एक दूल्हा अपनी दुल्हन को हेलिकॉप्टर से विदा कराकर लेकर गया। क्योंकि उसके पिता की इच्छा थी की बहू घर की लक्षमी होती है, इसलिए उसे  हेलिकॉप्टर में लेकर आएंगे।

 

 

सीकर. यदि ससुराल पास ही गांव में है तो उसे लाने के लिए अमूमन लोग बाइक या चौपहिया वाहन का उपयोग करते हैं। लेकिन, राजस्थान के सीकर जिले में एक युवक महज 51 किलोमीटर दूर स्थित गांव से ही अपनी पत्नी को लेने हेलीकॉप्टर में गया। जिसे देखने के लिए ही गांव में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।   

बिना दहेज की हुई यह शादी
दरसअल, ये युवक रानोली गांव निवासी मनीष यादव था। जिसकी शनिवार को मूंडरू की अरनियां गांव निवासी किरण यादव से शादी तय थी। जिसमें मनीष यादव दुल्हन को लेने हेलीकॉप्टर से पहुंचा था। शादी की खास बात ये भी रही कि ये बिना दहेज की थी। जिसमें दुल्हन पक्ष से कोई सामान या राशि नहीं ली गई। 

इंजीनियर है मनीष, दुबई में कारोबार
बतादें कि दूल्हा मनीष पेशे से इंजीनियर है। जिसकी दुबई में एक कंपनी है। पिता कैलाश यादव भी दुबई निवासी है। जिनकी इच्छा थी कि उनका बेटा हेलीकॉप्टर में दुल्हन को विदा करवाकर लाए। इस इच्छा को ही यहां पूरा किया गया। 

कई राजनेता हुए शामिल
शादी में जिले के कई राजनेता भी शामिल हुए। पूर्व केंद्रीय केबिनेट मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व राज्य चिकित्सा मंत्री बंशीधर बाजिया, कांग्रेस नेता बालेंदु सिंह शेखावत, सुभाष मील समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने इस दौरान शादी में पहुंचकर वर व वधु का उज्जवल भविष्य का आशिर्वाद दिया। 

एक रुपया व नारियल संग विदा हुई बहु
शादी में हेलीकॉप्टर से बारात पहुंचने के अलावा मनीष द्वारा दहेज नहीं लिया जाना भी चर्चा में रहा। वर पक्ष ने वधु पक्ष से केवल एक रुपया व नारियल ही शगुन के तौर पर लिया। जिसके साथ ही वधु को हेलीकॉप्टर में विदा किया गया।

ससुर ने कहा वधु लक्ष्मी, ऐसा सम्मान जरूरी
शादी में दहेज नहीं लेने व बहु को हेलीकॉप्टर से  घर लाने की वजह मनीष के पिता कैलाश यादव ने बहु को लक्ष्मी समान होना बताया। उन्होंने कहा कि उनके लिए किरण के रूप में मां लक्ष्मी का प्रवेश हुआ है। जिसका पूरा सम्मान होना चाहिए। इसीलिए  हेलीकॉप्टर में लाकर उसका गृह प्रवेश करवाया गया है।