सार

बच्चों को पालना और बड़ा करना आसान बात नहीं है। कई बार पेरेंट्स से भी कुछ गलतियां हो जाती हैं जो बच्चों के भविष्य पर असर डाल सकती हैं। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं 5 ऐसी गलतियां जो पेरेंट्स को कभी नहीं करनी चाहिए।

रिलेशनशिप डेस्क : अक्सर हमने पेरेंट्स को अपने बच्चों की शिकायतें करते सुना है होगा कि हमारा बच्चा खाना नहीं खाता, पढ़ाई नहीं करता, ऐसा नहीं करता वैसा नहीं करता। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चों की गलतियां तो हम गिनवा देते हैं, लेकिन क्या कभी आपने अपने अंदर यह चीज तलाशने की कोशिश की है कि क्या हमसे कुछ भूल तो नहीं हो रही? अगर नहीं, तो आइए आज हम आपको बताते हैं उन 5 बेसिक गलतियों के बारे में जो अक्सर पेरेंट्स से अनजाने में हो जाती है। लेकिन आपकी यह गलतियां आपके बच्चे के भविष्य पर असर डाल सकती हैं। ऐसे में आपको इन्हें करना बंद कर देना चाहिए....

1. आजकल देखा जाता है कि पेरेंट्स अपने बच्चों को बाहर लेकर नहीं जाते, उन्हें गार्डंस में खिलाने नहीं ले जाते, साइकिलिंग नहीं करने देते क्योंकि उन्हें डर रहता है कि बच्चा कहीं बीमार ना पड़ जाए या बिगड़ ना जाए। ऐसे में वह उसको घर में रहने के लिए कहते हैं और घर में टीवी, लैपटॉप, फोन या टैबलेट पकड़ा देते हैं, जो एक गलत आदत है। आप बच्चों को बाहर लेकर जाएं और उन्हें आउटडोर गेम्स खिलाने की आदत डलवाएं। इससे उनमें फिजिकल और मेंटल ग्रोथ होगी।

2. अक्सर बच्चे छोटी-छोटी चीजों को लेकर जिद करते है और मां बाप भी लाड प्यार में उनकी हर जिद को पूरा कर देते हैं। फिर चाहे वह उनकी क्षमता और बजट के बाहर ही क्यों ना हो। लेकिन आप अपने बच्चे के लिए एक गोल सेट कर दें और कहे कि अगर वह इसे पूरा करता है तो उसे उसकी पसंद की चीज मिलेगी। ऐसे में बच्चे उस चीज की वैल्यू भी करते हैं, जो उन्हें मेहनत करने के बाद मिलती है।

3. कंपटीशन के इस दौर में हर पेरेंट्स चाहता है कि हमारा बच्चा पढ़ाई में अव्वल हो, खेलकूद में अव्वल हो और हर चीज में फर्स्ट आए। लेकिन हमेशा जीतना जरूरी नहीं है, कई बार आपका बच्चा हार भी जाए तो उसे फेलियर को डील करना सिखाएं और यह सिखाएं कि कैसे वो इससे आगे बढ़ सकता है। यह चीज उसे भविष्य की परिस्थितियों से डील करना सिखाएगी।

4. पेरेंट्स अक्सर एक बच्चे की तुलना दूसरे से जरूर करते हैं कि आपका बच्चा तो अव्वल आता है। हमारा बच्चा तो पढ़ाई नहीं करता है। कई बार तो ऐसा होता कि घर में दो बच्चे हैं तो उनके बीच में भी हम तुलना करने लगते हैं। यह आदत बिल्कुल अच्छी आदत नहीं है। इससे बच्चे में हीन भावना पैदा होती है। हर बच्चा अलग होता है, हर बच्चे की कैपेबिलिटी अलग होती है। हमें किसी भी बच्चे की तुलना नहीं करनी चाहिए और अपने बच्चे को बेस्ट मानकर उसके भविष्य की ओर सोचना चाहिए।

5. कई पेरेंट्स में देखा जाता है कि छोटी-छोटी चीजों पर बच्चे को डांटने लगते हैं। जरा यह भी सोचे कि बच्चा चीजें सीख रहा है, उससे गलतियां हो सकती है। उसे समझाने की जगह पेरेंट्स डांट लगा देते हैं और कई बार तो हाथ भी उठा देते हैं। ऐसे में बच्चा या तो बहुत सहम जाता है या तो वह भी गुस्सैल प्रवृत्ति का बन जाता है।

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