सार
मां-बाप अपने बच्चों की छोटी से छोटी जिद पूरी करने के लिए क्या कुछ नहीं करते। पर यूपी में मां-बाप ने अपनी मासूम बेटी के साथ ऐसी हैवानियत की जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल उठेगा।
रिलेशनशिप डेस्क. वह सिर्फ 11 साल की थी। खेलने-कूदने की उम्र थी। दोस्तों से देर तक बात करना उसका शगल था। लेकिन मां-बाप को उसका यही शौक इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने अपनी ही बेटी के खिलाफ रच दी सबसे खौफनाक साजिश। इस साजिश के पर्दाफाश के बाद अब हर कोई यही सोच रहा है कि क्या कोई माता-पिता अपनी औलाद से ऐसी दरिंदगी कर सकता है?
भगवान ऐसे मां-बाप किसी को ना दे!
घटना उत्तर प्रदेश के मेरठ की है। यहां गंगानगर थाना क्षेत्र के जेजी ब्लॉक में 11 साल का चंचल अपनी मां रूबी और पिता बबलू के साथ किराये के मकान में रहती थी। एक सितंबर को बबलू ने गंगानगर थाना में अपनी बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि इस दिन चंचल अपने माता-पिता के साथ ही घर से बाहर निकली थी। पुलिस ने तफ्तीश आगे बढ़ाई तो जो सच सामने आया उसने सबको हक्का-बक्का कर दिया। दरअसल अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने वाले बबलू और रूबी ने ही चंचल की हत्या कर दी थी। अब पुलिस के सामने सवाल यह था कि आखिर चंचल के मां-बाप ने इस वारदात को क्यों अंजाम दिया?
फोन के चक्कर में मारी गई चंचल
पुलिस ने इस मामले में पहले तो चंचल के पिता बबलू और मां रूबी से अलग-अलग पूछताछ की। दोनों ने गोल-मोल जवाब दिया। उसके बाद पुलिस ने चंचल के छोटे भाई-बहन से बात की तो सच सामने आ गया। दरअसल चंचल फोन पर किसी लड़के से बातचीत करती थी। मां-बाप को उस लड़के से चंचल का मेल-जोल पसंद नहीं था। उन्होंने बेटी को बहुत समझाया पर वह नहीं मानी तो दोनों ने मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
बर्गर के बहाने बेटी को नहर में धकेल दिया
पुलिस का कहना है कि घटना वाले दिन बबलू और रूबी ने चंचल को बर्गर खिलाने की बात कहकर अपने साथ लेकर निकले। दोनों उसे गंगनहर के पास ले गए और उसे नहर में धक्का दे दिया। चंचल की चीख गंगनहर की गहराइयों में दबकर रह गई। चंचल को तैरना नहीं आता था। वह जान बचाने के लिए काफी देर तक हाथ-पैर मारती रही। मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन कुछ ही मिनटों में नहर ने उसे निगल लिया। पुलिस अब गोताखोरों की मदद से गंगनहर में चंचल की लाश ढूंढने में लगी है।
हर मां-बाप के लिए सबक है यह वारदात
11 साल की उम्र में किसी के लिए सही-गलत समझना मुश्किल होता है। चंचल के साथ ही ऐसा ही हुआ। लेकिन ऐसे में यह जिम्मेदारी मां-बाप की थी कि वे अपनी बेटी को प्यार से अच्छे-बुरे के बारे में समझाएं। पर ऐसा करने की बजाए उन्होंने अपनी जिद में न सिर्फ बेटी को मौत के हवाले कर दिया बल्कि खुद भी पहुंच गए जेल की सलाखों के पीछे। सवाल यह है कि अब उनके बाकी बच्चों का भविष्य क्या होगा?
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