सार

पहले जहां शादी को लेकर युवाओं में उत्सुकता और उत्साह की भावना रहती थी, अब ऐसा नहीं रह गया है। ज्यादातर युवा जल्दी शादी करने से कतराते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क। पहले आम तौर पर 24-25 साल की उम्र में लड़कों की शादी हो ही जाती थी, वहीं लड़कियों की शादी भी ज्यादा से ज्यादा 20-22 साल तक कर दी जाती थी। पहले युवाओं में शादी को लेकर उत्सुकता और उत्साह का भाव देख जाता था। ज्यादातर शादियां परिवार वाले तय करते थे। ऐसे मामले बहुत ही कम होते थे, जब किसी ने फैमिली की मर्जी के खिलाफ जा कर शादी कर ली हो। लेकिन कुछ समय से शादी को लेकर युवाओं की मानसिकता में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। ज्यादातर युवा अब शादी करने से कतराने लगे हैं। कई बार उनका तर्क होता है कि जब तक वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो जाते, शादी नहीं कर सकते। लेकिन देखने में यह भी आ रहा है कि वैसे युवा जिन्होंने पढ़ाई पूरी कर ली है और अच्छी-खासी नौकरी कर रहे हैं, वे भी शादी करने से बचना चाहते हैं। वहीं, लड़कियां भी सिंगल रहना ज्यादा पसंद कर रही हैं। बहुत से लोगों की तो शादी के बारे में सोचते-सोचते उम्र ही निकल जाती है। आखिर, इसके पीछे क्या वजह हो सकती है? 

1. आजाद रहने की भावना
ज्यादातर युवा आज शादी को एक तरह का बंधन मानते हैं। उनकी सोच है कि शादी करने के बाद वे किसी एक ही लड़की के साथ जिंदगी भर के लिए बंध जाएंगे और इससे उनकी आजादी में खलल पड़ेगी। ऐसे युवा खुद को बहुत आधुनिक ख्यालों का मानते हैं। वे सोचते हैं कि बगैर शादी किए वे लड़कियों के साथ अफेयर चला सकते हैं और एन्जॉय कर सकते हैं, जबकि शादी के बाद उन्हें ऐसा करने में दिक्कत होगी।

2. आत्मकेंद्रित होना
आज के समय में युवा ज्यादा आत्मकेंद्रित (Self Centered) हो रहे हैं। उन्हें खुद के सिवा दूसरों के बारे में सोचने की जरूरत महसूस नहीं होती। ऐसी प्रवृत्ति आज की उपभोक्तावादी संस्कृति की वजह से पैदा हो रही है। युवाओं में ऐसी मानसिकता पनप रही है कि शादी के बाद उन्हें दूसरे के साथ हिस्सेदारी निभानी होगी। वहीं, विवाह को लेकर परंपरागत भावना की भी उनमें कमी होती जा रही है। इसलिए भी आज के युवा शादी से बचना चाहते हैं।

3. उम्र अधिक हो जाना
कुछ क्षेत्रों में उच्च अध्ययन पूरा करने में काफी समय लगता है। इसके बाद भी जरूरी नहीं कि उन्हें तुरंत नौकरी मिल ही जाए। पहले लोग पढ़ाई करने के दौरान ही विवाह कर लिया करते थे। लेकिन अब शायद ही कोई ऐसा करता हो। पढ़ाई करने और नौकरी मिलने तक उम्र काफी हो जाती है। अधिक उम्र में जरूरी नहीं, उन्हें सही मैच मिल ही जाए। परिवार के लोगों और खुद लड़के की सोच यह होती है कि भले ही उसकी उम्र 40 हो गई हो, पर लड़की 25-30 से ज्यादा की न हो। इस वजह से शादी में मुश्किल आती है।

4. परफेक्ट मैच की तलाश
कुछ युवा पढ़ाई पूरी करने और नौकरी मिलने के बाद जब शादी करने का मन बनाते हैं तो परफेक्ट मैच की तलाश शुरू कर देते हैं। कई बार उनके मानदंड ऐसे होते हैं कि शायद ही उस पर कोई लड़की खरी उतरे। ये युवा इस बात को भूल जाते हैं कि पूरी तरह परफेक्ट कोई नहीं हो सकता। हर आदमी में कोई न कोई कमी होती ही है। लेकिन परफेक्शन चाहने वालों को इस सच्चाई से क्या लेना-देना। उनमें चाहे लाख कमियां हों, शादी वे अप्सरा से ही करना चाहते हैं। इसका परिणाम होता है कि उनकी शादी कभी नहीं हो पाती।

5. गैरजिम्मेदारी की भावना
शादी करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। जबकि युवा शादी का मतलब एन्जॉयमेंट से लेते हैं। ऐसा एन्जॉयमेंट वे कैजुअल रिलेशनशिप में ले चुके होते हैं। उन्हें पता होता है कि शादी करने पर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी संभालनी होगी। अभी जो खर्च वे अकेले कर रहे हैं, वह पूरे परिवार पर करना होगा। इससे वे बचना चाहते हैं। उन्हें यह भी डर होता है कि पत्नी का स्वभाव पता नहीं कैसा हो। जो लंबे समय से किसी लड़की के साथ अफेयर में रह रहे होते हैं, वे भी शादी के नाम पर कतराने लगते हैं, क्योंकि लंबे समय तक साथ रहते हुए धीरे-धीरे उनका जी भर जाता है। आज ऐसे युवा कम ही हैं जो प्यार की सच्ची व गहरी भावना रखते हों।