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Hanuman Jayanti 2024: सालों में एक बार बनता है हनुमान जयंती पर ऐसा दुर्लभ संयोग, जानें कैसे करें पूजा? नोट करें शुभ मुहूर्त
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कब है हनुमान जयंती 2024?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि पर हनुमानजी का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल इसी तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार हनुमान जयंती का पर्व 23 अप्रैल, मंगलवार को मनाया जाएगा। ये तिथि हनुमान भक्तों के लिए बहुत खास होती है। इस दिन हनुमान मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और पूजा-आरती की जाती है। आगे जानिए हनुमानजी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, आरती, व अन्य खास बातें…
हनुमान जयंती 2024 के शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2024 Shubh Muhurat)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल, मंगलवार की तड़के 03:26 से 25 अप्रैल, गुरुवार की सुबह 05:18 तक रहेगी। चूंकि पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 23 अप्रैल, मंगलवार को होगा, इसलिए इसी दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
- सुबह 09:14 से 10:49 तक
- सुबह 10:49 से दोपहर 12:25 तक
- दोपहर 12:25 से दोपहर 02:00 तक
- दोपहर 03:36 से शाम 05:11 तक
मंगलवार को हनुमान जयंती का दुर्लभ संयोग
इस बार हनुमान जयंती का पर्व मंगलवार को मनाया जाएगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी का जन्म भी मंगलवार को ही हुआ था, इसलिए इस दिन हनुमानजी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। कईं सालों में एक बार हनुमान जयंती और मंगलवार का शुभ संयोग बनता है। इसके पहले हनुमान जयंती और मंगलवार का दुर्लभ संयोग साल 2021 में बना था और आगे 2027 में बनेगा।
हनुमानजी की पूजा विधि (Hanuman Jayanti Puja Vidhi)
- 23 अप्रैल, मंगलवार की सुबह सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान आदि करें। इसके बाद हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- शुभ मुहूर्त से पहले पूजा की सामग्री एक स्थान पर एकत्रित कर लें। घर के किसी स्थान की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।
- उस स्थान पर लकड़ी की चौकी यानी पटिया स्थापित करें। चौकी के ऊपर थोड़े से चावल रखें और इसके ऊपर लाल कपड़ा बिछा दें।
- इसके ऊपर हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र रखें। ध्यान रखें कि हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र का मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
- हनुमानजी की कुमकुम से तिलक लगाएं। गुलाब के फूलों का हार पहनाकर शुद्ध घी का दीपक जलाएं। केवड़े का इत्र लगाएं।
- इसके बाद अबीर, गुलाल, सिंदूर, चावल, पान, फूल, वस्त्र, जनेऊ, फल आदि चीजें एक-एक करके हनुमानजी को चढ़ाते रहें।
- हनुमानजी को अपनी इच्छा अनुसार फल व अन्य चीजों का भोग लगाएं। संभव हो तो ये भोग घर पर ही शुद्धतापूर्वक तैयार करें।
- इस प्रकार पूजा करने के बाद 11 दीपकों से हनुमानजी की आरती करें। इस तरह पूजा करने से हनुमानजी की कृपा आप पर बनी रहेगी।
ये है हनुमानजी की आरती (Hanuman Aarti Lyrics in Hindi)
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे। रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
लंका जारि असुर संहारे। सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे। लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें। जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई। तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।