सार

Kushgrahani Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को बहुत ही खास गया है। इसके स्वामी पितृ देवता हैं, इसलिए इस तिथि पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है। इस बार भाद्रपद मास की अमावस्या 2 दिन रहेगी।

 

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में कुल 16 तिथियां बताई गई हैं, इनमें से अमावस्या (Kushgrahani Amavasya 2023) तिथि को बहुत ही खास माना गया है। ये तिथि कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन आती है। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं, इसलिए इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है। इस बार भाद्रपद मास की अमावस्या 2 दिन रहेगी। आगे जानिए ऐसा क्यों होगा और किस दिन करें श्राद्ध, पिंडदान आदि…

कब से कब तक रहेगी अमावस्या तिथि? (Kushgrahani Amavasya 2023 Date)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि 14 सितंबर, गुरुवार की सुबह 04:49 से शुरू होकर 15 सितंबर, शुक्रवार की सुबह 07:09 तक रहेगी। चूंकि दोनों ही दिन सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि रहेगी, इसलिए दोनों ही दिन अमावस्या तिथि मानी जाएगी।

किस दिन करें श्राद्ध?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, श्राद्ध, पिंडदान आदि के लिए दोपहर का समय उपयुक्त माना गया है। चूंकि 14 सितंबर को दिन भर अमावस्या तिथि रहेगी, इसलिए इसी दिन पितृ कर्म करना श्रेष्ठ रहेगा, जबकि अमावस्या से संबंधित स्नान-दान दोनों ही दिन यानी 14 व 15 सितंबर को किया जा सकता है।

क्यों खास है ये अमावस्या?
भाद्रपद मास की अमावस्या को धर्म ग्रंथों में बहुत ही खास माना गया है। पुराणों में इसे कुशग्रहणी अमावस्या कहा गया है। कुश एक प्रकार का विशेष घास होती है, जिसका उपयोग पूजा-पाठ आदि में किया जाता है। प्राचीन समय में ब्राह्मण इसी दिन वर्ष भर उपयोग में आने वाली कुशा घास तोड़कर संग्रहित कर लेते थे। इसलिए इसे कुशग्रहणी अमावस्या कहा जाता है।

कुशग्रहणी अमावस्या पर करें ये काम
- कुशग्रहणी अमावस्या पर पितर देवताओं के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण और धूप-ध्यान जरूर करना चाहिए। इससे पितृ दोष शांत होता है।
- इस दिन पूरे घर में गंगाजल छिड़कर कर उसे पवित्र करना चाहिए। इससे घर में निगेटिव शक्ति का प्रभाव कम होता है और पॉजिटिविटी बढ़ती है।
- अमावस्या तिथि पर स्नान-दान का भी विशेष महत्व है। यानी इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद जरूरतमंद लोगों को अपनी इच्छा अनुसार कपड़े, अनाज आदि का दान करना चाहिए।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।