Vijaya Ekadashi 2023: इस बार विजया एकादशी का व्रत 16 फरवरी, गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा मुख्य रूप से की जाती है।
Rajim Maghi Punni Mela 2023: इन दिनों छत्तीसगढ़ के राजिम में पुन्नी मेला चल रहा है। ये मेला महाशिवरात्रि तक रहेगा। राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है क्योंकि यहां तीन नदियों का संगम होता है- महानदी, पैरी और सोंढुर।
Mahashivratri Upay 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, महाशिवरात्रि से पहले के 9 दिन बहुत ही खास होते हैं। इन 9 दिनों को शिव नवरात्रि कहते हैं। इन 9 दिनों में यदि कोई खास उपाय किया जाए तो हर तरह परेशानी दूर हो सकती है।
Mahashivratri 2023: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 18 फरवरी, शनिवार को है। इसके 9 दिन पहले शिव नवरात्रि का पर्व मनाने की परंपरा भी है।
Maghi Purnima Rashi Anusar Upay: इस बार 5 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर कई शुभ योग एक साथ बन रहे हैं। इतने सारे शुभ योग एक ही दिन बनना एक दुर्लभ संयोग है। इसलिए इस दिन राशि अनुसार उपाय करने से आपकी किस्मत चमक सकती है।
Maghi Purnima 2023 Upay: इस बार 5 फरवरी, रविवार को माघ मास की पूर्णिमा है। इसे माघी पूर्णिमा कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार माघी पूर्णिमा पर पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थसिद्धि व रवियोग का दुर्लभ संयोग बन रहा है।
Vishwakarma Jayanti 2023: इस बार 3 फरवरी, शुक्रवार को विश्वकर्मा जयंती है। इस दिन मशीनों व औजारों की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भगवान विश्वकर्मा देवताओं के शिल्पी यानी इंजीनियर कहे जाते हैं।
Rajim Maghi Punni Mela 2023: इस बार 5 फरवरी, रविवार को माघी पूर्णिमा है। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित राजिम नामक तीर्थ पर विशाल धार्मिक मेले का आयोजन होता है। इसे राजिम माघी पुन्नी मेला या राजिम कुंभ भी कहा जाता है।
Maghi Purnima 2023: इस बार माघी पूर्णिमा का पर्व 5 फरवरी, रविवार को है। ये माघ मास का अंतिम दिन होता है। इस दिन संगम तट पर रह रहे कल्पवासी स्नान-दान कर अपना तप पूर्ण करते हैं। इस तिथि का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
Guru Pradosh February 2023: इस बार 2 फरवरी, गुरुवार को प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। ये व्रत गुरुवार को होने गुरु प्रदोष कहलाएगा। इस व्रत को करने से हर काम में सफलता मिलती है और गुरु ग्रह से संबंधित दोषों में कमी आती है।