सार

Rajim Maghi Punni Mela 2023: इस बार 5 फरवरी, रविवार को माघी पूर्णिमा है। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित राजिम नामक तीर्थ पर विशाल धार्मिक मेले का आयोजन होता है। इसे राजिम माघी पुन्नी मेला या राजिम कुंभ भी कहा जाता है।

 

उज्जैन. हमारे देश में कई विशाल धार्मिक मेले आयोजित किए जाते हैं, राजिम मेला भी इनमें से एक है। ये मेला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद जिले (Gariaband district) में स्थित राजिम (Rajim) नामक तीर्थ स्थान लगता है, इसलिए इसे राजिम माघी पुन्नी मेला (Rajim Maghi Punni Mela 2023) या राजिम कुंभ (Rajim Kumbh Mela 2023) कहते हैं। इस मेले की शुरूआत माघी पूर्णिमा से होती है, जो इस बार 5 फरवरी, रविवार को है। ये मेला 15 दिनों तक चलता है और महाशिवरात्रि (mahashivratri 2023) पर इसका समापन होता है। मान्यता है कि जगन्नाथपुरी की यात्रा तब तक संपूर्ण नहीं होती, जब तक भक्त राजिम की यात्रा नहीं कर लेते। इस मेले से कई मान्यताएं जुड़ी हैं।


राजिम को क्यों कहते हैं छत्तीसगढ़ का प्रयाग?
राजिम महानदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। इस तीर्थ स्थान से जुड़ी की मान्यताएं और परंपराएं इसे खास बनाती हैं। यहां तीन नदियों का संगम होता है। ये तीन नदियां हैं- महानदी, सोंढूर और पैरी। त्रिवेणी संगम होने के कारण ही इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहते हैं। यहां कई प्राचीन मंदिर भी हैं, जो यहां का धार्मिक महत्व बढ़ाते हैं।


ये 2 मंदिर हैं आकर्षण का केंद्र
इस मेले में दूर-दूर से भक्त कुलेश्वर महादेव के दर्शन करने आते हैं। मान्यता है कि वनवास के दौरान स्वयं माता सीता ने इस शिवलिंग की स्थापना यहां की थी। वर्तमान में जो मंदिर यहां स्थापित है, वह भी 8वीं शताब्दी का बताया जाता है। इस क्षेत्र में अनेकों बार बाढ़ आई लेकिन ये मंदिर आज भी जस का तस खड़ा है। इसके अलावा राजीव लोचन मंदिर काफी प्रसिद्ध है। ये भगवान विष्णु का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से चारों धाम के दर्शन करने का फल मिलता है।


पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक होंगे 3 स्नान
छत्तीसगढ़ के रायपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित त्रिवेणी संगम राजिम में 15 दिनों तक राजिम माघी पुन्नी मेले का आयोजन होगा। इस दौरान यहां लाखों भक्त दर्शन और स्नान के लिए आएंगे। 5 फरवरी को पुन्नी मेला के शुभारंभ होगा जो 18 फरवरी यानी महाशिवरात्रि तक चलेगा। 15 दिवसीय मेले के दौरान पहला स्नान 6 फरवरी को दूसरा 13 फरवरी को और तीसरा स्नान 18 फरवरी महाशिवरात्रि पर होगा।


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