सार

Shanishchari Amavasya Kab Hai: इस बार अक्टूबर 2023 में शनिश्चरी अमावस्या पर एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग कईं सालों में एक बार बनता है। इस दुर्लभ संयोग के चलते इस अमावस्या का महत्व और भी बढ़ गया है।

 

उज्जैन. अक्टूबर 2023 में शनिश्चरी अमावस्या का संयोग बन रहा है। इस अमावस्या को स्नान-दान, पूजा, उपाय आदि के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि शनिश्चरी अमावस्या पर की गई शनिदेव की पूजा हर तरह की परेशानी दूर कर सकती है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ा सकती है। आगे 5 प्वाइंट में जानें शनिश्चरी अमावस्या से जुड़ी हर खास बात…

कब है शनिश्चरी अमावस्या? (Shanishchari Amavasya 2023 Date)
पंचांग के अनुसार, इस बार 14 अक्टूबर, शनिवार को आश्विन मास की अमावस्या पूरे दिन रहेगी। चूंकि ये अमावस्या शनिवार को आ रही है, इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाएगा। शनिश्चरी अमावस्या का महत्व कईं धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन किया गया दान, उपाय, पूजा आदि का फल कईं गुना होकर मिलता है।

क्यों खास है शनिश्चरी अमावस्या? (Significance of Shanishchari Amavasya)
इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है, जिसकी अंतिम तिथि भी अमावस्या होती है। श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं। मान्यता है कि इस तिथि पर सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। सर्वपितृ अमावस्या पर ही शनिश्चरी अमावस्या का संयोग भी बन रहा है।

इसके पहले कब बना था ये दुर्लभ संयोग? (Shanishchari Amavasya 2026 Date)
सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर शनिश्चरी अमावस्या का संयोग कईं सालों में एक बार बनता है। इसके पहले ऐसा दुर्लभ संयोग साल 2019 में यानी 4 साल पहले बना था। और इसके भी पहले ये संयोग करीब 20 साल पहले बना था। भविष्य में ऐसा संयोग साल 2026 में 10 अक्टूबर को बनेगा।

शनि पूजा से मिलते हैं शुभ फल (Shanishchari Amavasya Upay In Hindi)
जब भी किसी शनिवार को अमावस्या होती है तो उसे शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं। जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष होता है, उनके लिए ये तिथि बहुत ही खास होती है। इस दिन किए गए उपायों से उस पर शनि दोष का अशुभ प्रभाव कम हो सकता है। इस दिन शनि मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

क्या उपाय करें शनिश्चरी अमावस्या पर?
शनिश्चरी अमावस्या पर अपने आस-पास स्थित किसी शनि मंदिर में पूजा करें। सरसों के तेल का दीपक लगाएं। इस कुष्ठ रोगियों को भोजन, कपड़े, जूते-चप्पल का दान दें। संभव हो तो उपवास रखें। इस तरह इन छोटे-छोटे उपाय करने से आपकी परेशानियां दूर हो सकती हैं।


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