सार

Adipurush: 16 जून को पूरे देश में रीलिज होने वाली मूवी भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित है। मूवी बनाने के लिए मेकर्स ने कई धर्म ग्रंथों का अध्ययन भी किया है। लेकिन इन ग्रंथों में कई ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

 

उज्जैन. भगवान श्रीराम के जीवन पर अब तक कई टीवी सीरियलों का निर्माण हो चुका है और फिल्में भी बन चुकी हैं, लेकिन 16 जून को रीलीज होने वाली मूवी आदिपुरुष (Adipurush) इन सभी से बहुत हटकर है। ये मूवी भी श्रीराम के जीवन पर आधारित है, लेकिन इसकी स्टार कास्ट और स्पेशल इफेक्ट्स इसे बहुत खास बना रहे हैं। (Adipurush Movie Controversy) मूवी में साउथ के सुपर स्टार प्रभास (Super Star Prabhas) और एक्ट्रेस कृति सेनन (Kriti Sanon) लीड रोल में है। इस मौके पर हम आपको रामायण से जुड़ी कुछ खास बाते बता रहे हैं, जिनके बारे में कम ही लोगों के पता है…

देवी सीता लंका में कितने दिनों तक रही? (For how long did Goddess Sita stay in Lanka?)
14 साल के वनवास के दौरान लगभग 13 साल श्रीराम-सीता साथ-साथ रहे। चौदहवें वर्ष में रावण ने सीता का हरण किया था, ऐसा धर्म ग्रंथों में बताया गया है। देवी सीता कितने दिनों तक लंका में रही, इस बारे में विद्वानों के अलग-अलग मत हैं। कुछ विद्वानों का मत है देवी सीता कुल 435 दिन लंका में रही, वहीं कुछ का मानना है कि 11 माह और 14 दिन देवी सीता ने लंका में बिताए।

देवी सीता के किसने दिए थे दिव्य वस्त्र? (Who gave the divine clothes of Goddess Sita)
वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस के अनुसार, वनवास पर जाते समय श्रीराम, देवी सीता और लक्ष्मण ने वनवासी द्वारा पहने जाने वाले साधारण वस्त्र पहने थे। वनवास के दौरान जब श्रीराम अत्रि मुनि के आश्रम में गए तो वहां उनकी पत्नी देवी अनुसूया ने देवी सीता को दिव्य वस्त्र और आभूषण दिए थे। उनकी विशेषता ये थी कि वो वस्त्र और आभूषण कभी मलिन यानी गंदे नहीं होते, इसलिए उन वस्त्रों को धोने की आवश्यकता नहीं होती थी। यही वस्त्र देवी सीता ने लंका में रहते हुए धारण किए हुए थे।

देवी सीता ने लंका में क्या खाया? (What did Goddess Sita eat in Lanka?)
सभी के मन में ये प्रश्न भी जरूर आता है कि लंका में रहते हुए देवी सीता ने कैसा भोजन किया होगा क्योंकि राक्षसों की नगरी में तो मांस ही मुख्य भोजन था। इसका उत्तर हमें वाल्मीकि रामायण के एक प्रसंग में मिलता है, उसके अनुसार, जब रावण देवी सीता का हरण कर लंका लाया तो उसी रात देवराज इंद्र ने दिव्य औषधी युक्त खीर देवी को खिलाई थी। इस खीर के प्रभाव से न तो देवी सीता को कभी भूख लगी और न कभी प्यास का अनुभव हुआ। यानी लंका में रहते हुए देवी सीता ने कुछ भी खाया-पिया नहीं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।