सार

Earthquake Delhi-NCR: मंगलवार की दोपहर को दिल्ली-एनसीआर और गाजियाबाद आदि क्षेत्र में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र नेपाल था।

 

उज्जैन. 3 अक्टूबर, मंगलवार की दोपहर को अचानक दिल्ली, एनसीआर और गाजियाबाद में भूकंप के तेज झटके महूसस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। (earthquake in delhi today) नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी की मानें तो भूकंप का केंद्र भारत नहीं बल्कि नेपाल था। फिलहाल किसी तरह के जानमाल नुकसान की खबर नहीं मिली है। खास बात ये है कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में चंद्रग्रहण होने जा रहा है। ग्रहण के पहले भूकंप का आना किसी अनहोनी का संकेत तो नहीं है?

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उज्जैन के ज्योतिषचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को होगा, लेकिन ये भारत में दिखाई नहीं देगा। महीने के अंत में यानी 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का संयोग बन रहा है। खास बात ये है कि इस साल ये एकमात्र ऐसा ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई देगा।

क्या है ग्रहण और भूकंप का संबध? (What is the relation between eclipse and earthquake?)
ज्योतिषचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण होता है तो पृथ्वी पर इसका अशुभ असर किसी न किसी रूप में जरूर दिखाई देता है। ग्रहण से पहले या बाद में भूकंप आते हैं या फिर कोई अन्य प्राकृतिक आपदा होती है जिससे जान-माल का नुकसान होता है। धर्म ग्रंथों की मानें तो जब राहु सूर्य व चंद्रमा को ग्रसता है तो ग्रहण होते हैं। राहु-केतु दोनों ही अशुभ ग्रह हैं।

वैज्ञानिक भी मानते हैं ये बात
भूकंप और ग्रहण को लेकर कईं शोध हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के भूविज्ञानी रॉबर्ट बस्ट ने 2012 में एक रिपोर्ट में दावा किया था कि चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी पर पहले से अधिक प्रभाव डालने लगा है। जब भी सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आने की स्थिति में होते हैं तो चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल काफी ज्यादा हो जाता है, जिसके कारण भूकंप जैसी घटनाएं होती हैं।


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