सार
गविगंगादरेश्वर मंदिर में हर साल मकर संक्रांति के दिन सूर्य की किरणें लिंग को स्पर्श करती हैं। इस अद्भुत पल और भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। सूर्य किरणों के स्पर्श के आधार पर पुजारी साल का भविष्य बताते हैं। लेकिन इस बार बादलों के कारण सूर्य की किरणें गविगंगादरेश्वर मंदिर के लिंग को स्पर्श नहीं कर पाईं। इसके बाद भक्तों में संकट की आशंका पैदा हो गई है। 2019 में भी ऐसा ही हुआ था। उस समय पुजारियों ने बड़े दुख और तकलीफ की भविष्यवाणी की थी। इसके बाद ही कोविड महामारी आई और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था।
हर साल गविगंगादरेश्वर मंदिर में सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में पथ बदलने के समय शिवलिंग को सूर्य की किरणें स्पर्श करती हैं। लिंग को स्पर्श करने वाली सूर्य की किरणें कितनी देर तक रहेंगी, इसके आधार पर पुजारी भविष्यवाणी करते हैं। 2019 में कुछ ही क्षणों के लिए सूर्य की किरणों ने लिंग को स्पर्श किया था। कुछ ही देर में सूर्य की किरणें गायब हो गई थीं। बहुत कम समय के लिए सूर्य किरणों के स्पर्श के बाद पुजारियों ने बड़े दुख और तकलीफ की चेतावनी दी थी। 2019 के जनवरी में की गई भविष्यवाणी उसी साल के अंत में सच साबित हुई। 2019 के अंत में कोविड महामारी भारत में आई थी। इसके बाद 2 साल तक कई लोगों की जान ले ली थी।
अब इस बार भी सूर्य की किरणें गविगंगादरेश्वर मंदिर को स्पर्श नहीं कर पाईं। इस बार कम वायुदाब और बादलों के कारण सूर्य की किरणें स्पर्श नहीं कर पाईं। इसलिए कुछ साल पहले की तरह इस बार भी कोई संकट आने वाला है, ऐसी आशंका और चर्चाएँ शुरू हो गई हैं।
चर्चाएँ तेज होने पर गविगंगादरेश्वर मंदिर के सोमशेखर दीक्षित ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि भक्तों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते समय सूर्य शिव की अनुमति लेकर आगे बढ़ता है। उत्तरायण में प्रवेश करने वाला सूर्य चंद्राग्नि नेत्र शिव के दर्शन करेगा। लेकिन इस बार प्राकृतिक आपदा के कारण भक्तों को दर्शन नहीं हुए। उत्तरायण के दिन सूर्य सभी को दक्षिणायन का फल देता है। यह पुण्य और आशीर्वाद सभी भक्तों को मिले, ऐसा पुजारियों ने कहा है। सूर्य आ गए हैं। गविगंगादर मंदिर में प्रवेश कर चुके हैं। लेकिन हमें दिखाई नहीं दिए, ऐसा सोमशेखर दीक्षित ने कहा है।
हर रोज अभिषेक करने वाले हमें बदलाव दिखाई देते हैं। इस बार सूर्य की किरणें दिखाई नहीं दीं, ऐसा उन्होंने कहा है। प्राकृतिक आपदा नहीं आनी चाहिए। सूर्य किरणों ने ईश्वर की पूजा की है। लिंग पर सूर्य कितनी देर तक रहते हैं, उसके आधार पर हम भविष्यवाणी करते हैं। लेकिन इस बार हमें दिखाई नहीं दिया। पानी की समस्या हो सकती है, ऐसा सोमशेखर दीक्षित ने कहा है। 2021 में भी ऐसा ही हुआ था। अब दूसरी बार ऐसा हो रहा है, ऐसा सोमशेखर दीक्षित ने कहा है।