सार
Nai Vastu Par Sawastik Kyo Banate Hai: हिंदू धर्म में अनेक परंपराएं हैं। उन्हीं में से एक परंपरा ये भी है कि जब भी घर में कोई नई चीज लेकर आते हैं तो उसके ऊपर स्वस्तिक का चिह्न जरूर बनाया जाता है।
Significance of Swastika in Hindu Tradition: हिंदू धर्म में कईं शुभ चिह्न हैं, स्वस्तिक भी इनमें से एक है। जब भी घर में कोई नई वस्तु जैसे वाहन, टीवी, फ्रीज या अन्य कोई इलेक्ट्रानिक वस्तु के अलावा अलमारी आदि भी ली जाती है तो उसके ऊपर स्वस्तिक का चिह्न जरूर बनाया जाता है। ये परंपरा लगभग हर हिंदू परिवार में निभाई जाती है। ऐसा क्यों किया जाता है, इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास बातें…
इसलिए बनाते हैं नई वस्तु पर स्वस्तिक?
हिंदू धर्म में स्वस्तिक को भगवान श्रीगणेश का रूप माना जाता है और किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा भी जाती है। मान्यता है कि किसी भी शुभ काम से पहले श्रीगणेश की पूजा करने से उस काम में कोई बाधा नहीं आती, इसी तरह एक मान्यता ये भी है कि यदि किसी नई वस्तु पर स्वस्तिक का चिह्न बनाया जाए वो लंबे समय तक उपयोग में बनी रहेगी और घर में सुख-समृद्धि का वास होगा।
सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी है स्वस्तिक
हिंदू धर्म में स्वस्तिक को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। स्वस्तिक की चारों भुजाएं चार दिशाओं का प्रतीक होती हैं। अगर किसी वस्तु पर स्वस्तिक बनाया जाता है तो वह भी पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर हो जाती है और इसी तरह के परिणाम भी देती है।
हल्दी या कुमकुम किससे बनाएं स्वस्तिक?
स्वस्तिक कईं चीजों से बनाया जाता है जैसे कुमकुम, सिंदूर और हल्दी आदि। हिंदू धर्म में वैसे तो कुमकुम से स्वस्तिक बनाने की परंपरा है, लेकिन हल्दी से भी स्वस्तिक बना सकते हैं। हल्दी-कुमकुम दोनों ही शुभ हैं इसिलए इन दोनों से बनाया गया स्वस्तिक शुभ फल देने वाला होता है। दीवार पर सिंदूर से स्वस्तिक बना सकते हैं लेकिन किसी वस्तु पर ऐसा नहीं करना चाहिए।
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