सार

Krishna Janmashtami 2023 Kab Hai: हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव किया जाता है। द्वापर युग में इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस बार ये पर्व सितंबर माह में मनाया जाएगा। 

 

उज्जैन. भगवान विष्णु ने अत्याचारियों को खत्म करने के लिए अनेक अवतार लिए। श्रीकृष्ण अवतार भी इनमें से एक है। इसे भगवान विष्णु का पूर्ण अवतार और 16 कलाओं से युक्त माना जाता है। हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2023) के रूप में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। कहीं मटकी फोड़ का आयोजन किया जाता है तो कहीं भजन-कीर्तन किए जाते हैं। आगे जानिए इस बार ये पर्व कब मनाया जाएगा…

कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? (Kab Hai Krishna Janmashtami 2023)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 06 सितंबर, बुधवार की दोपहर 03:38 से शुरू होकर 07 सितंबर की शाम 04:14 तक रहेगी। चूंकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मध्य रात्रि यानी रात में 12 बजे मनाया जाता है, इसलिए ये पर्व 6 सितंबर, बुधवार को ही मनाया जाएगा। जन्माष्टमी का व्रत भी इस दिन रखा जाएगा। उदया तिथि के अनुसार, वैष्णव संप्रदाय के लोग 7 सितंबर, गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मना सकते हैं।

कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे इस दिन? (Krishna Janmashtami 2023 Shubh Yog)
6 सितंबर, बुधवार को कृत्तिका नक्षत्र सुबह 09.20 तक रहेगा, इसके बाद रोहिणी नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। बुधवार को पहले कृत्तिका नक्षत्र होने से सिद्धि और इसके बाद रोहिणी नक्षत्र होने से शुभ नाम का योग बनेगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग पूरे दिन रहेगा, जिसके चलते इस दिन की गई पूजा, उपाय और व्रत-उपवास का कई गुना फल मिलेगा।

3 ग्रह रहेंगे स्वराशि में, बनेगा बुधादित्य राजयोग
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ग्रहों का शुभ संयोग भी बन रहा है। इस दिन चंद्रमा अपनी स्वराशि वृषभ में रहेगा। सूर्य भी अपनी स्वराशि सिंह में बुध के साथ युति करेगा। बुध और सूर्य के साथ होने बुधादित्य नाम का राजयोग भी बनेगा। इनके अलावा शनि भी अपनी स्वराशि कुंभ में रहेगा। स्वराशि में होने से ये तीनों ग्रहों शुभ फल प्रदान करेंगे। ग्रहों का ऐसा संयोग कई सालों में एक बार बनता है।

ये हैं पूजा का शुभ मुहूर्त (Krishna Janmashtami 2023 Shubh Muhurat)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार भगवान श्रीकृष्ण का 5250वाँ जन्मोत्सव मनाया जाएगा। चूंकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, इसलिए कृष्ण जन्मोत्सव की पूजा भी रात्रि में ही करने का विधान है। इस बार पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर, बुधवार की रात 11:57 से 12:42 तक रहेगा। यानी आपके पास पूजा के लिए लगभग 46 मिनट का समय रहेगा।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।