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Adhikmaas Amavasya 2023: 16 अगस्त के बाद 2042 में बनेगा ये दुर्लभ संयोग, ये 4 उपाय दूर करेंगे आपकी परेशानी
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कब है सावन अधिक मास की अमावस्या?
धर्म ग्रंथों में अधिक मास का विशेष महत्व बताया गया है। ये हर तीसरे साल आता है। 16 अगस्त, बुधवार को सावन का अधिक मास समाप्त हो जाएगा और 17 अगस्त, गुरुवार को सामान्य सावन मास शुरू हो जाएगा। इसके बाद सावन का अधिक मास साल 2042 में आएगा। (Sawan Adhik Maas Amavasya 2023) इसलिए ये तिथि बहुत ही खास है। इस दिन की गई पूजा, उपाय, दान आदि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। आगे जानिए इस दिन कौन-से काम करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है…
सुख-समृद्धि के लिए उपाय
अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। अधिक मास की अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए। इससे सभी परेशानी दूर हो सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भगवान विष्णु को पीले फूल और पीले वस्त्र जरूर चढ़ाएं।
धन लाभ के लिए उपाय
अगर आप धन की इच्छा रखते हैं तो भी अधिक मास की अमावस्या इसके लिए श्रेष्ठ तिथि है। इस दिन शाम को महालक्ष्मी की पूजा करें और हल्दी की 7 साबूत गांठ चढ़ाएं। हल्दी की इन गांठों को एक लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी या गल्ले में रख दें। इससे धन लाभ का योग बन सकता है।
पितृ दोष की शांति के लिए उपाय
अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो अधिक मास की अमावस्या इसे दूर करने के लिए बहुत ही शुभ तिथि है। इस दिन पितरों की शांति के लिए श्राद्ध-तर्पण आदि करें, जरूरतमंदों को दान करें, गाय को चारा खिलाएं। इससे आपका ये दोष दूर हो सकता है।
उन्नति के लिए उपाय
अगर आपकी प्रोफेशनल लाइफ में ग्रोथ रुकी हुई है तो सावन अधिक मास की अमावस्या तिथि पर शिवजी की पूजा करें। शिवजी धतूरा, भांग, आंकड़ा आदि चीजें चढ़ाएं और खीर का भोग लगाएं। इससे आपकी प्रोफेशनल लाइफ की परेशानी दूर हो सकती है।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।