सार
Ujjain Mahakal Sawari Live: मध्य प्रदेश के उज्जैन में 7 अगस्त, सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकाली गई। ये सावन मास की पांचवी सवारी थी।सोमवार की सुबह से ही महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है, जिसे महाकालेश्वर कहा जाता है। यहां सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकालने की परंपरा हैं। इस दौरान भगवान महाकाल की प्रतिमा को चांदी की पालकी में बैठाकर शहर के तय मार्गों से गुजारा जाता है। इस बार 7 अगस्त, सोमवार को सावन मास की पांचवी सवारी निकाली गई।
इस रूप में दर्शन दिए महाकाल ने
सावन मास की पांचवी सवारी पर भगवान महाकाल होल्कर स्टेट मुखारविंद स्वरूप में दर्शन दिए। ये प्रतिमा डोल रथ पर सवार थी, वहीं चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश और गरुड़ पर सवार भगवान शिव तांडव स्वरूप में नजर आ रहे थे। पहले कोटि तीर्थ के निकट जिले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा भगवान महाकाल की पूजा की गई। शाम 4 बजे जैसे ही भगवान महाकाल की सवारी मंदिर से बाहर आई, सबसे पहले सशस्त्र पुलिस बल द्वारा भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया। पूजन के बाद सवारी तय रुट से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंची।
5 सवारी और शेष
सावन का अधिक मास होने से इस बार भगवान महाकाल की 10 सवारी का योग बना है। इनमें से 4 सवारी निकल चुकी है, एक आज निकलेगी। शेष सवारी कब-कब निकलेगी, इसकी जानकारी इस प्रकार है…
छठी सवारी- 14 अगस्त को
सातवीं सवारी- 21 अगस्त को
आठवीं सवारी- 28 अगस्त को
नौवीं सवारी- 4 सितंबर को
अंतिम शाही सवारी- 11 सितंबर को
महाकाल मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़
श्रावण माह का पांचवां सोमवार होने से महाकाल मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। रात 2.30 बजे भस्म आरती होने के बाद भगवान महाकाल का भांग, चंदन और आभूषणों से राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। एक आंकड़े के मुताबिक सोमवार की दोपहर 2 बजे तक 2.5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। देर रात तक लगभग 5 लाख भक्तों के यहां आने की उम्मीद है।
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