सार
Christmas 2024: क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। हर साल ये त्योहार 25 दिसंबर को मनाया जाता है लेकिन ईसाइयों का एक विशेष संप्रदाय ये त्योहार जनवरी के पहले रविवार को मनाते हैं।
Orthodox Christmas: ईसाई मान्यता के अनुसार, 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल इसी तारीख पर प्रभु यीशु का जन्मदिन मनाया जाता है। क्रिसमस की रौनक पूरी दुनिया में दिखाई देती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ईसाइयों का एक विशेष संप्रदाय 25 दिसंबर नहीं बल्कि इसके बाद आने वाले जनवरी महीने के पहले रविवार को क्रिसमस मनाते हैं। इसे ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस कहते हैं। आगे जानिए क्या है ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस की परंपरा और इससे जुड़ी खास बातें…
कौन मनाता है ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस?
ईसाइयों में तीन सम्प्रदाय माने गए हैं, ये हैं- कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स। जो लोग कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट संप्रदाय से जुड़े हैं वो 25 दिसंबर को परंपरागत रूप से क्रिममस मनाते हैं जबकि जो लोग ऑर्थोडॉक्स संप्रदाय से जुड़े हैं, वे जनवरी के पहले रविवार को प्रभी यीशु का जन्मदिन यानी क्रिसमस मनाते हैं। ऑर्थोडॉक्स संप्रदाय द्वारा मनाए जाने के कारण ही इसका नाम ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस है। ऑर्थोडॉक्स संप्रदाय से जुड़े सबसे ज्यादा लोग रूस, यूक्रेन और इसके आस-पास के इलाकों में निवास करते हैं।
क्या ऑर्थोडॉक्स और कैथोलिक क्रिसमस में अंतर?
ऑर्थोडॉक्स और कैथोलिक संप्रदाय के कैलेंडरों में भिन्नता है। शायद इसी वजह से इन दोनों के क्रिसमस मनाने की तारीख में अंतर आता है। सिर्फ तारीख को छोड़कर इन दोनों क्रिसमस मनाने के तरीके में कोई अंतर नही है। दोनों ही क्रिसमस में प्रभु यीशु और उनके संदेशों को याद किया जाता है। खास बात ये है कि ये दोनों ही संप्रदाय एक-दूसरे के क्रिमसम में शामिल नहीं होते।
कब है ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस?
कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट संप्रदाय द्वारा परंपरागत रूप से 25 दिसंबर, बुधवार को क्रिसमस मनाया जाएगा, वहीं ऑर्थोडॉक्स संप्रदाय के लोग जनवरी 2025 के पहले रविवार को ये पर्व मनाएंगे, जो इस बार 5 तारीख को है। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया में करीब 25 करोड़ ऑर्थोडॉक्स ईसाई हैं।
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