सार
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) के पहले मैच से पहले ही दोनों टीमों के बीच तनाव बढ़ता दिख रहा है। नागपुर की पिच देखने के बाद कंगारू टीम के होश पाख्ता हो गए हैं।
Border-Gavaskar Trophy 1st Test. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज खेली जाए और विवाद न हो यह हो ही नहीं सकता लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि मैच से पहले ही विवाद हो गया। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जबसे नागपुर की विकेट को देखा, तभी से उनके होश उड़े हुए हैं और वे बार-बार अपनी रणनीति बदल रहे हैं। हमेशा 1 स्पिनर के साथ खेलने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम अब दो या तीन स्पिनर्स के साथ उतरने की तैयारी में है। वहीं पिच को लेकर कंगारू टीम की ऐसी नाराजगी है कि वे आईसीसी तक पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई है।
आईसीसी तक पहुंचा मामला
ऑस्ट्रेलियाई टीम का आरोप है कि भारत ने नागपुर पिच के साथ छेड़छाड़ की है और अपने हिसाब से पिच में बदलाव किया है। कंगारू टीम ने आईसीसी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग भी कर डाली है। रिपोर्ट्स की मानें तो नागपुर पिच की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई और यह भी कहा गया कि हेड कोच राहुल द्रविड़ ने ऐसी पिच बनवा दी जिस पर बाएं हाथ के बल्लेबाजों को बैटिंग करना मुश्किल हो जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी स्टीव स्मिथ ने पिच को करीब से देखने के बाद कहा कि विकेट बहुत सूखा हुआ है।
लेफ्ट हैंडर्स को होगी परेशानी
स्टीव स्मिथ ने कहा कि बाएं हाथ के स्पिनर्स को इस पिच से ज्यादा मदद मिलेगी क्योंकि जहां उनकी गेंदे टप्पा खाएंगी, उस जगह को सूखा रखा गया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम का दावा है कि नागपुर की पिच के बीच के हिस्से पर ही पानी डाला गया है और रोलिंग की गई है जबकि जहां बाएं हाथ के स्पिनर गेंदबाजी करेंगे, वहां सूखा है। इस मामले में ऑस्ट्रेलिया के कुछ पूर्व क्रिकेटर्स और एक्सपर्ट्स ने आईसीसी से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
ऑस्ट्रेलियाई खेमे में बौखलाहट
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इसे पिच डॉक्टरिंग तक करार दिया है और कहा जा रहा है कि पिच को जान बूझकर ऐसा बनाया गया है कि ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के बल्लेबाजों को दिक्कत होगी। ऑस्ट्रेलिया में डेविड वार्नर, उस्मान ख्वाजा और ट्रेविस हेड लेफ्ट हैंडर हैं। ऑस्ट्रेलिया के टॉप 8 बल्लेबाजों में 6 बल्लेबाज लेफ्ट हैंडर हैं। ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि पिच दोनों टीमों के लिए समान है 90 प्रतिशत लोग इससे निराश हैं।
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