8 ओवर में 8 विकेट! भाई कौन था यह खतरनाक बॉलर
इलंका के एक खिलाड़ी पादरी बनना चाहते थे, लेकिन बन गए दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज। वो थे तेज गेंदबाज चमिंडा वास। उन्होंने श्रीलंकाई टीम को कई जीत दिलाई।
| Published : Sep 07 2024, 06:30 PM IST
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Most Dangerous Bowler: विश्व क्रिकेट इतिहास में कई दिग्गज बल्लेबाज और गेंदबाज हुए हैं। खतरनाक तेज गेंदबाज भी हुए हैं। वेस्टइंडीज के मैल्कम मार्शल से लेकर ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली, पाकिस्तान के वसीम अकरम, अख्तर, इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन, दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन तक ने अपनी तूफानी गेंदबाजी से दुनिया भर के बल्लेबाजों को खौफ में रखा।
ऐसे दिग्गज बल्लेबाजों को भी अपनी गेंदबाजी से खौफ में रखने वालों में श्रीलंका के गेंदबाज भी कम नहीं थे। दुनिया के सबसे बेहतरीन स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन श्रीलंकाई टीम में थे। श्रीलंका ने सिर्फ मुरलीधरन के दम पर ही कई जीत हासिल नहीं की। उनके साथ चमिंडा वास, लसिथ मलिंगा जैसे तूफानी गेंदबाज भी थे।
श्रीलंका के एक खिलाड़ी बेहतरीन गेंदबाज बनना चाहते थे और दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज बन गए। उन्होंने अपनी टीम को कई जीत दिलाई। दुनिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक के रूप में ख्याति पाई। उनकी गेंदबाजी के आगे दिग्गज बल्लेबाज भी थर-थर कांपते थे। वो थे चमिंडा वास।
क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में चमिंडा वास का नाम भी शुमार है। उन्होंने श्रीलंका के लिए टेस्ट, वनडे और टी20 मिलाकर कुल 761 विकेट लिए। चमिंडा वास ने वनडे में ही 400 विकेट लिए। टेस्ट में 355 और टी20 में 6 विकेट उनके नाम रहे। टेस्ट के साथ-साथ वनडे में भी उन्होंने कई शानदार रिकॉर्ड अपने नाम किए। टीम को कई शानदार जीत दिलाई।
चमिंडा वास ने 2001 में जिम्बाब्वे के खिलाफ कहर बरपाया था। उन्होंने अपनी गेंदबाजी से पूरी टीम को धूल चटा दी थी। उनके इस आक्रमण के आगे जिम्बाब्वे की टीम 38 रन पर ढेर हो गई थी।
चमिंडा वास ने 8 दिसंबर 2001 को कोलंबो के अपने होम ग्राउंड पर जिम्बाब्वे के खिलाफ 8 ओवर में 8 विकेट लेकर इतिहास रच दिया था। अपने आठ ओवर में से तीन ओवर तो उन्होंने मेडन फेंके थे, जिसमें एक भी रन नहीं दिया था। उनके 8 ओवर के स्पेल में सिर्फ 19 रन बने थे।
चमिंडा वास की तूफानी गेंदबाजी के कारण जिम्बाब्वे की टीम 40 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सकी। 15.4 ओवर में 38 रन पर सिमट गई। स्टुअर्ट कार्लिस्ले (16 रन) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सका।
आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम ने 4.2 ओवर में 1 विकेट खोकर 40 रन बनाकर मैच जीत लिया। अपने क्रिकेट करियर का पहला हैट्रिक भी चमिंडा वास ने इसी मैच में लिया था। उन्होंने 10वें ओवर की तीसरी, चौथी और पांचवीं गेंद पर लगातार तीन विकेट चटकाए थे। कार्लिस्ले, ग्रेग विशार्ट और टाटेंडा तैबू को उन्होंने अपना शिकार बनाया था।
इस शानदार गेंदबाजी के बाद भी चमिंडा वास ने कई यादगार जीत हासिल की। वास ने अपने क्रिकेट करियर में दो बार हैट्रिक लेने का कारनामा किया। जिम्बाब्वे के बाद उन्होंने 2003 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ दूसरी बार हैट्रिक लिया था।
चमिंडा वास के जीवन का सबसे मजेदार पहलू ये है कि वो बचपन में पादरी बनना चाहते थे। उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया था। लेकिन पादरी बनने की चाहत रखने वाले चमिंडा वास श्रीलंका के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक बने।
दुनिया के दिग्गज गेंदबाजों में से एक के रूप में उन्हें पहचान मिली। वैसे चमिंडा वास का पूरा नाम भी काफी बड़ा है। क्रिकेट में सबसे लंबा नाम रखने वाले खिलाड़ी भी वही हैं। उनका पूरा नाम है 'वरनाकुल सूर्या पदमापंडितगे उशांत जोसेफ चमिंडा वास'।