सार

Pv Sindhu wedding: बैडमिंटन सुपरस्टार पीवी सिंधु ने शादी कर ली है। उन्होंने हैदराबाद के रहने वाले वेंकट दत्ता साईं के साथ शादी की। इसी के साथ सिंधु के जीवन में एक नई पारी की शुरुआत हो गई है।

 

PV Sindhu Wedding: भारतीय शटलर स्टार पीवी सिंधु अब शादी के बंधन में बंध चुकी हैं। उन्होंने उदयपुर में आयोजित भव्य समारोह में वेंकट दत्ता साईं के साथ शादी कर ली है और अपने नए जीवन की शुरुआत की ओर एक और कदम रख दिया है। पीवी सिंधु और वेंकट दत्ता ने सभी रीति-रिवाजों के साथ शादी की है। इस दौरान दोनों तरफ के परिवार वाले मौजूद रहे और शादी जोड़ों को आशीर्वाद दिया। 20 दिसंबर से ही शादी समारोह की शुरुआत हो चुकी थी, जिसमें संगीत समारोह, हल्दी कार्यक्रम, पेलीकुथूरु के साथ-साथ मेहंदी की रस्म निभाई गई।

पीवी सिंधु की शादी की पहली तस्वीर आई सामने

पीवी सिंधु की शादी की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें दोनों बड़ों से आशीर्वाद लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। सिंधु और उनके पति दोनों ही बैठे हुए हैं। आसपास भी काफी सारे लोग खड़े होकर उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं। डेकोरेशन देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि किस तरह से इस शादी के लिए तैयारी की गई हैं। वहीं, 24 दिसंबर को सिंधु के होमटाउन हैदराबाद में भव्य रिसेप्शन का आयोजन किया जाएगा।

 

 

शादी के इस शुभ अवसर पर जोधपुर के पर्यटन और संस्कृति मिनिस्टर गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे। उन्होंने ही अपने एक अकाउंट पर शादी की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा कि कल शाम उदयपुर में हमारे बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु और वेंकट दत्ता साईं की शादी में शिरकत करके बहुत अच्छा लगा। मैंने दोनों को अपना आशीर्वाद दिया।

पिता को मिल चुका है 'अर्जुन पुरस्कार'

पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में हुआ था। सिंधु के पिता का नाम पीवी रमन और माता का नाम पी विजया है। बैडमिंटन स्टार के माता-पिता भी नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर रह चुके हैं। वॉलीबॉल टीम के सदस्य रह चुके पीवी रमन 1986 के सियोल एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। वॉलीबॉल में दिए गए सिंधु के पिता के योगदान के कारण उन्हें साल 2000 में भारत के प्रतिष्ठित सम्मान 'अर्जुन पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जा चुका है।

किससे प्रेरित होकर सिंधु बनी बैडमिंटन स्टार?

माता-पिता के पैसे से वॉलीबॉल खिलाड़ी होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी बेटी को बैडमिंटन में हाथ अपनाने को कहा। कोच पुलेला गोपीचंद से सिंधु को बैडमिंटन खेलने की प्रेरणा मिली थी। साल 2001 में जब गोपीचंद ने ऑल इंडिया बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब जीता था, उसे समय से ही सिंधु ने बैडमिंटन खेलने की ठान ली थी। TOI के रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंधु ने बैडमिंटन का ककहरा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सिंगल इंजीनियरिंग एंड टेलीकॉम, सिकंदराबाद से सीखी थीं। उसके बाद उन्होंने फुलेल गोपीचंद की हैदराबाद स्थित 'गोपीचंद बैडमिंटन अकैडमी' में दाखिला करवा लिया।

8 साल की उम्र में थाम लिया बैडमिंटन

पीवी सिंधु ने अपनी पढ़ाई ऑक्सीलियम हाई स्कूल से पूरी की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका सपना एक डॉक्टर बनने का था। लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और वह 8 साल की उम्र में ही अपने हाथों में बैडमिंटन थाम ली। आज पीवी सिंधु दो ओलंपिक मेडलिस्ट विजेता हैं।

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