सार
बेंगलुरु। 2025 के इंडियन प्रीमियर लीग टूर्नामेंट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। क्रिकेट जगत के दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी 18वें संस्करण के आईपीएल टूर्नामेंट में खिलाड़ी के रूप में उतरेंगे या नहीं, इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिला है। ऐसे में एम एस धोनी को मैदान में उतारने के लिए बीसीसीआई, आईपीएल नियमों में बदलाव करने पर विचार कर रहा है।
आगामी 18वें संस्करण के आईपीएल टूर्नामेंट से पहले मेगा नीलामी होगी। मेगा नीलामी से पहले सभी फ्रेंचाइजी को अपने पसंद के खिलाड़ियों को रिटेन करने का मौका दिया जाएगा। हालांकि, बीसीसीआई ने अभी तक यह जानकारी नहीं दी है कि आगामी मेगा नीलामी से पहले कितने खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति दी जाएगी। इसी बीच खबर है कि चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी ने दिग्गज कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को रिटेन करने के लिए पुराने नियमों को फिर से लागू करने के लिए बीसीसीआई से गुहार लगाई है।
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के 5 साल बाद खिलाड़ियों को अनकैप्ड खिलाड़ियों की श्रेणी में शामिल करने का नियम पहले से ही था। यह नियम आईपीएल के पहले संस्करण से लेकर 2021 के आईपीएल टूर्नामेंट तक लागू था। लेकिन किसी भी फ्रेंचाइजी द्वारा इस नियम का इस्तेमाल नहीं किए जाने के कारण बीसीसीआई ने इस नियम को हटा दिया था। लेकिन न्यूज 18 वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 31 जुलाई को बीसीसीआई और फ्रेंचाइजी के बीच हुई बैठक में चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी ने उस पुराने नियम को फिर से लागू करने की मांग की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी की इस मांग को बाकी फ्रेंचाइजी का समर्थन नहीं मिला है। इसके बावजूद माना जा रहा है कि बीसीसीआई, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके खिलाड़ियों को 5 साल बाद अनकैप्ड खिलाड़ियों की सूची में शामिल करने के पक्ष में है।
महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का घोषणा कर दी थी। पिछले आईपीएल टूर्नामेंट से पहले चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी ने धोनी को 12 करोड़ रुपये में रिटेन किया था। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही धोनी ने खुद कप्तानी छोड़ दी थी। जिसके बाद रुतुराज गायकवाड़ को चेन्नई टीम का कप्तान बनाया गया था।
धोनी के अनकैप्ड खिलाड़ी बनने से चेन्नई को क्या फायदा?
यह सवाल आपके मन में भी उठ रहा होगा, है न? अगर कोई फ्रेंचाइजी किसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर को रिटेन करती है, तो उसे अधिकतम 16 करोड़ और न्यूनतम 8 करोड़ रुपये देने पड़ते हैं। लेकिन अनकैप्ड (अंतरराष्ट्रीय मैच न खेलने वाला खिलाड़ी) प्लेयर को 4 करोड़ रुपये में रिटेन किया जा सकता है। यही वजह है कि धोनी की ब्रांड वैल्यू बचाए रखने के साथ-साथ नीलामी में पर्स में पैसा बचाने के लिए चेन्नई फ्रेंचाइजी यह दांव खेल रही है। अब देखना होगा कि चेन्नई फ्रेंचाइजी की इस मांग को बीसीसीआई मानता है या नहीं।